कहते हैं कि खुद देवी मां उनको सपनों में आकर संतान प्राप्ति का आशीर्वाद देती हैं और महिलाओं को संतान का सुख प्राप्त होता है। दूर-दूर से हजारों नि:संतान महिलाएं इस खास फर्इश पर सोने के लिए इस मंदिर में आती हैं।
यह मंदिर संतानदात्री के नाम से प्रसिद्ध है। नवरात्रों में यहां सलिन्दरा उत्सव मनाया जाता है जिसका अर्थ है सपने आना। इस समय नि:संतान महिलाएं दिन रात मंदिर के फर्श पर सोती हैं। कहते हैं कि ऐसा करने से वो जल्द से जल्द प्रेगनेंट हो जाती हैं।
हिमाचल के सिमस गांव में एक ऐसा मंदिर है जिसके फर्श पर सोने से निसंतान महिलाएं प्रेगनेंट हो जाती हैं। कहते हैं कि खुद देवी मां उनको सपनों में आकर संतान प्राप्ति का आशीर्वाद देती हैं और महिलाओं को संतान का सुख प्राप्त होता है। दूर-दूर से हजारों नि:संतान महिलाएं इस खास फर्श पर सोने के लिए इस मंदिर में आती हैं। इस मंदिर में मन्नत मांगने से होती है संतान की प्राप्ति
दावा किया जाता है कि माता सिमसा सपने में महिला को फल देती हैं तो उस महिला को संतान का आशीर्वाद मिल जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं फल देखकर लड़का या लड़की होने का पता भी चल जाता है। यदि किसी महिला को अमरुद का फल मिलता है तो उसे लड़का प्राप्त होने का आशीर्वाद मिलता है और अगर किसी को भिन्डी प्राप्त होती है तो लड़की। मंदिर जहां होता है दूध,केसर से अभिषेक
कहते हैं कि निसंतान बने रहने का स्वप्न प्राप्त होने के बाद भी यदि कोई औरत अपना बिस्तर मंदिर परिसर से नहीं हटाती है तो उसके शरीर में खुजली भरे लाल-लाल दाग उभर आते हैं। उसे मजबूरन वहां से जाना पड़ता है। संतान प्राप्ति के बाद लोग अपना आभार प्रकट करने सगे-सम्बन्धियों और कुटुंब के साथ मंदिर में आते हैं। यह मंदिर बैजनाथ से 25 किलोमीटर तथा जोगिन्दर नगर से लगभग 50 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।
यहां सोने से महिलाएं हो जाती हैं प्रेगनेंट !
women become pregnant after sleep in the premisses ot the temple