चाईबासा- प्रदेश में अंधविश्वास इस कदर हावी है कि लोगों ने डायन होने के संदेह में मानवीय संवेदना को झकझोर देनेवाली घटना को अंजाम दे दिया। चाईबासा के टोंटो थाना क्षेत्र में लोगों ने एक महिला को सरेआम निर्वस्त्र कर उसके साथ किया गैंगरेप।
महिला अपने घर में सोई हुई थी। रात नौ बजे गांव के ही कुछ लोगों ने उसके घर पर अचानक धावा बोल दिया। उसे घर से उठाकर ले गए। फिर सरेआम निर्वस्त्र कर झाड़ू की माला पहनाकर रात में ही खूब नचाया। नाचते-नाचते जब वह थक कर बेहोश हो गई तो उसे उठाकर कर स्कूल ले गए। वहां उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। पीड़िता किसी तरह अपने घर पहुंची।
प्रताड़ना से वह बीमार पड़ गई। 14 जून को उसके बयान पर थाने में टोंटो थाना पुलिस ने सेरेंगसिया गांव के आशीष लागुरी, बहादुर लागुरी, रमेश लागुरी एवं मंगल सिह लागुरी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। गुरुवार को पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पीड़िता का पति जमशेदपुर में मजदूरी करता है। पीड़िता गांव में अपने बच्चों के साथ अकेली रहती है।
2012 से 2014 के बीच झारखंड में 127 महिलाओं की डायन बताकर हत्या की गई।
सात अगस्त 2015 को रांची के एक गांव में पांच महिलाओं की डायन के संदेह में पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। मामले में गांव के 50 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था।
झारख्रंड सरकार ने 2001 में एंटी विचक्राफ्ट लॉ लागू किया।
इस कानून के आने के बाद अब तक 500 से ज्यादा महिलाओं को डायन संदेह में मार डाला गया।-एजेंसी