नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को महिला उम्मीदवारों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) की परीक्षाओं में बैठने की अनुमति देने के अपने अंतरिम आदेश को रद्द करने से इनकार कर दिया है। दरअसल मंगलवार को रक्षा मंत्रालय ने कोर्ट से नंवबर में होने वाली एनडीए परीक्षा के जरिए महिलाओं को सेना में शामिल करने से छूट देने की प्रार्थना की थी। मंत्रालय ने कोर्ट से कहा था कि महिलाओं को शामिल करने की अनुमति देने के लिए कुछ बुनियादी ढांचे और पाठ्यक्रम में बदलाव की आवश्यकता है, इसलिए महिलाओं को एनडीए प्रवेश में भाग लेने की अनुमति देने के लिए मई 2022 तक का समय दिया जाए। हालांकि बुधवार को कोर्ट ने मंत्रालय की इस मांग को ठुकरा दिया।
Supreme Court tells the Centre that it cannot vacate its interim order that allowed female aspirants to take the NDA entrance examination to be held in November this year pic.twitter.com/oWRzuycRjD
— ANI (@ANI) September 22, 2021
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
कोट ने कहा कि केंद्र द्वारा अनुरोध किया जा रहा है कि 21 नवंबर की वर्तमान परीक्षा में लड़कियों को न शामिल करने की अनुमति दी जाए। हमने सभी तर्काें पर विचार किया है। इस स्थिति में हमारे लिए यह मुश्किल होगा क्योंकि महिलाओं की आकांक्षाएं बढ़ गई हैं। केंद्र को महिला उम्मीदवारों को नवंबर 2021 में हाेने वाली राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में बैठने की अनुमति देने का निर्देश देते हुए कोर्ट ने कहा कि लैंगिक समानता के मुद्दों को स्थगित नहीं किया जा सकता। महिलाओं को नवंबर 2021 की परीक्षा देने की अनुमति दी जानी चाहिए। इसे एक साल के लिए स्थगित नहीं किया जा सकता है। चिकित्सा मानकों को अस्थायी रूप से अधिसूचित किया जाए। यूपीएससी नवंबर परीक्षा के लिए एक सही अधिसूचना जारी करे।
सशस्त्र बल इस परिदृश्य से निपटने में सक्षम – कोर्ट
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट के सामने तर्क पेश किया कि पाठ्यक्रम, बुनियादी ढांचे, फिटनेस प्रशिक्षण, आवास सुविधाओं आदि में परिवर्तन करने के लिए एक अध्ययन समूह का गठन किया गया है। महिलाओं के प्रवेश से पहले उनके लिए यह सुविधाएं उपलब्ध कराने में मई 2022 तक का समय लग सकता है। इसलिए, कोर्ट से मार्च 2022 में होने वाली एनडीए परीक्षा से ही महिलाओं का प्रवेश सुनिश्चित करने की मांग की गई है। इस पर न्यायमूर्ति कौल ने कहा कि सशस्त्र बल आपात स्थिति से निपटते हैं। इसलिए मुझे विश्वास है कि सशस्त्र बलों की प्रतिक्रिया टीम इस परिदृश्य से निपटने में सक्षम होगी … इस बार बहुत से लोगों ने परीक्षा के लिए नामांकन नहीं किया है। इसलिए संख्या कम हो सकती है। इसलिए परीक्षा छोड़ने के बजाय, उनके लिए कुछ काम करने की कोशिश करें।