डिण्डौरी : जिलें की महिलाए स्व-सहायता समूह के माध्यम से जैविक खाद तैयार करने की योजना बनाई है। महिलाओं का कहना है कि अब खेतो में जैविक खाद का उपयोग करने का प्रचलन बढ गया है और किसान खेतो में जैविक फसल का उत्पादन करने के लिए जैविक खाद को प्राथमिकता दे रहे है।
उन्होने कहा कि जैविक खाद को बेचकर सभी महिलाए अच्छी-खासी आमदानी कमा सकती है। इसलिए स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने जैविक खाद बनाना प्रारम्भ कर दिया है।
कलेक्टर अमित तोमर बुधवार को ग्राम-धावाडोगरी, रूसा एवं पाटन में जाकर स्व-सहायता समूह की महिलाओ के द्वारा बनाए जा रहे जैविक खाद बनाने की विधि को देखा और उन्हें इस कार्य के लिए प्रोत्साहित किया।
गांवो में महिलाओ ने स्व-सहायता समूह के माध्यम से जैविक खाद बनाकर स्वयं का व्यवसाय प्रारम्भ कर दिया है। कलेक्टर ने ग्राम-धावाडोगरी और रूसा में आयोजित चौपाल में स्व-सहायता समूह की महिलाओं से चर्चा की और उनके व्यवसाय की सफलता के बारे में पूछा।
इस अवसर पर जिला एवं जनपद स्तरीय अधिकारी-कर्मचारी सहित स्व-सहायता समूह की महिलाए मौजूद थी। कलेक्टर ने बताया कि अब किसानों के द्वारा खेती-किसानी में जैविक खाद का उपयोग अधिक मात्रा में किया जाने लगा है।
जैविक खाद से तैयार की गई फसलों में पोषक तत्व अधिक मात्रा मे होते है और इससे हमें बीमारियॉ भी नही होती है। उन्होंने कहा कि किसानों को अब खेतों में जैविक खाद का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जायेगा।
चौपाल में स्व-सहायता समूह की महिलाओ ने बताया कि समूह के माध्यम से महिलाओं को मिल-जुल कर आगे बढने का अवसर मिला है। यही वजह है कि अब महिलाए घर से बहार निकलकर स्वमं का रोजगार स्थापित कर रही है।
इस दौरान समूह की महिलाओं ने बताया कि उनके समूह के सदस्यो की नियमित रूप से बैठक होती है। लेन-देन का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया जाता है और जरूरतमंद महिलाओं की मदद भी की जाती है।