खंडवा / ओंकारेश्वर [ TNN ] देश भर में कालेधन को लेकर राजनीतिक दलों से लेकर हर आम और खास आदमी में चर्चा है। हर कोईं चाहता है कि स्वीजरलैंड के बैंक में जमा देश का कालाधन वापिस लौट आए इससे कईं कालेधन के कुबेरों की नींद उड़ी हुई है, लेकिन इन सबसे कोसों दूर एक ऐसी बैंक भी हमारे देश में है जहां लाखों लोगों की ऐसी पूंजी जमा है जिसको रखने के बाद वो चैन की नींद सोते हैं।
मध्यप्रदेश के ओंकारेश्वर में स्थित इस अनूठी बैंक में आखिर लाखों लोगों ने ऐसा क्या जमा किया है जिससे यूरोप के गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड की बुक में शामिल किया गया है।
ओंकारेश्वर तीर्थ क्षेत्र की अनूठी बैंक जहां ना चांदी ना सोना ना धन ना दौलत यहां जमा होते हैं प्रतिदिन एक करोड़ ऊं नम: शिवाय मंत्र। देश भर के लोग इस अनूठी बैंक में मंत्र जमा करने के लिए कतार लगाए बैठे रहते हैं। दरअसल 18 साल पहले शिवोहम आश्रम के संत शिवोहम स्वामी भारती जी ने यहां मंत्र लेखन का काम शुरू किया था।
यहां आने वाले श्रद्धालु अपने घर जाने के बाद भी पोस्ट कार्ड पर ऊं नम: शिवाय मंत्र लिखकर भेजने लगे। स्वामीजी इन मंत्रों से लिखी सामग्री को यहां पर एकत्रित कर रखने लगे। बीते लगभग दो दशक में यहां 4 हजार करोड़ मंत्र जमा हो गए। यूरोप में वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करने वाली संस्था के पास यह खबर पहुंची तो उनकी टीम ने सारे दस्तावेज देखे और अमेरिका से आकर बैंक को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के खिताब से नवाजा गया।
ग्राम शिव कोठी में ओम नम: शिवाय मिशन संस्थापक व जनक शिवोहम भारती को गोल्डन अमरिकन वर्ल्ड आफ बुक मे नाम दर्ज किये जाने के बाद आयोजित मिशन के कार्यक्रम में शिवोहम भारती को गोल्डन अमरिकन बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड के डा. मनिष विश्नोई भारत प्रमुख ने 8 अक्टूबर बुधवार को शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर सम्मानित कर इक्कीसवां स्थापना दिवस मनाया गया।
सर्वाधिक लिखित ओम नम: शिवाय मंत्र संग्रह प्रतिष्ठा समारोह में बड़ी संख्या में साधक नम: शिवाय सेवा धाम परिसर में कार्यक्रम के दौरान मौजूद थे। इक्कीस वर्षो में परिपूर्ण श्रद्धा से संग्रहित 2100 करोड़ लिखित ओम नम: शिवाय मंत्र स्थापित कर 21 फिट उचाँई, 21 फिट चौड़ाई का भव्य मंत्रो का पिरामीट आकर्षण का केन्द्र बना रहा। उक्त कार्यक्रम में क्षैत्रिय विधायक लोकेन्द्र सिंह तोमर, दिनेश गुप्ता, डा. श्रीराम परिहार, समाजसेवी भरत झवर, सुनील जैन के साथ दुर दराज से आये साधक मौजूद थें।