ग्वालियर में एक बार फिर से महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की पूजा की गयी। ये वही शहर है जहां दो साल पहले मंदिर में गोडसे की मूर्ति लगाने की कोशिश की गयी थी।
ग्वालियर में हिंदू महासभा ने शुक्रवार को महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का बलिदान दिवस मनाया। यहां बकायदा उसकी फोटो लगाकर पूजा की गयी और फिर आरती गायी गयी।
श्रद्धांजलि कार्यक्रम में महासभा के सदस्य मौजूद थे। इन लोगों ने गोडसे के अंतिम बयान को मध्य प्रदेश के स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग उठायी।
ग्वालियर में हिंदू महासभा ने दौलत गंज स्थित अपने कार्यालय में नाथूराम गोडसे की फांसी के दिन को बलिदान दिवस के रूप में मनाया।
हिंदू महासभा ने उसका 70 वां बलिदान दिवस मनाया। नाथूराम गोडसे की तस्वीर कार्यालय में लगायी गयी और उनकी पूजा की। उसके बाद महाआरती का आयोजन किया गया। इस दौरान नाथूराम गोडसे के गुणगान वाली आरती भी गाई गई।
पूजन आरती के आयोजन के बाद हिंदू महासभा ने प्रशासन को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा। उसमें हिंदू महासभा ने मुख्यमंत्री से नाथूराम गोडसे के अंतिम बयान को स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की है।
हिंदू महासभा ने दो साल पहले नाथूराम गोडसे का मंदिर बनाने के लिए मूर्ति लगाने की कोशिश की थी। लेकिन पुलिस ने उसकी कोशिश नाकाम कर मूर्ति अपने कब्ज़े में ले ली थी।
हिंदू महासभा ने वो मूर्ति वापस करने की मांग की। नवम्बर 2017 में हिन्दू महासभा ने गोडसे का मंदिर बनाने के लिए प्रतिमा स्थापित की थी, उस दौरान कांग्रेस की शिकायत और विरोध के बाद शिवराज सरकार ने प्रतिमा जब्त कर ली थी।