डेरा सच्चा सौदा की साध्वियों से रेप के आरोप में 20 साल की सजा पाए बलात्कारी बाबा राम रहीम के डेरे के अंदर के तिलिस्मी राज खुलने लगे हैं। सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के अंदर जेसीबी मशीनों से खुदाई की जा रही है। राम रहीम की तिलिस्मी दुनिया देख सर्च ऑपरेशन की टीम भी दंग रह गई। कोर्ट के आदेश पर हो रही जांच के दौरान कई आपत्तिजनक चीजों के साथ ही उस रहस्य से पर्दा उठा है जो पूरे देश को हैरान कर देगा।
डेरे में शुक्रवार को पहले दिन सुरक्षाबलों ने सर्च ऑपरेशन चलाया। सर्च ऑपरेशन टीम ने गेट नंबर 7 से तलाशी अभियान की शुरूआत की।
सबसे पहले टीम राम रहीम के मीडिया मॉनिटरिंग रूम में पहुंची। वहां पहुंचते ही टीम ने लैपटॉप, कंप्यूटर हार्ड डिस्क और दूसरे उपकरणों को सीज कर दिया। इस दौरान कमरों की तलाशी में टीम को आपत्तिजनक सामान मिला, जिसके बाद दो कमरों को सीज कर दिया गया है।
शुक्रवार को डेरे से कई आपत्तिजनक चीजे मिलीं थीं, जिनमें बिना नंबर प्लेट की कार, प्लास्टिक करंसी बरामद हुई थी। इसके अलावा 3 नबालिग बच्चे भी डेरे से मिले थे। वहीं डेरे के अस्पताल से संबंधित नए राज का खुलासा भी हुआ है। वहीं शनिवार को तलाशी अभियान के दौरान डेरे में संदिग्ध स्थानों पर खुदाई का कार्य चल रहा है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, राम रहीम के डेरे के अस्पताल में कथित तौर पर गैरकानूनी ऑर्गन ट्रांसप्लांट और स्टेम सेल का उपचार किया जा रहा था। हालांकि डेरा की वेबसाइट पर इस बारे में सफाई देते हुए कहा गया कि शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल 1.25 लाख वर्ग फुट में फैले हैं जिनमें विभिन्न प्रकार के अंगों का प्रत्यारोपण वैध ढंग से किया जाता है।
बता दें कि मानव अंगों के प्रत्यारोपण अधिनियम के तहत, जितने भी मेडिकल संस्थान और अस्पताल अंगों का प्रत्यारोपण और आई बैंक चलाते हैं उन सभी अस्पताल को नेशनल ऑर्ग और टिशू प्रत्यारोपण संगठन (नोटा) संगठन (आरओटीटीओ) के साथ रजिस्टर होना चाहिए। इस मामले नोटा के निर्देशक डॉ विमल भंडारी ने बताया कि डेरा का हॉस्पिटल हमारे साथ पंजीकृत नहीं है।
राम रहीम के डेरे की मासिक पत्रिका ‘सत्य’ के अनुसार, अस्पताल के डॉक्टरों ने ऑप्टिक शोष के इलाज में अस्थि मज्जा से स्टेम सेल का उपयोग किया, जिसके चलते आँखों की तंत्रिका सूख गई।
हालांकि किसी भी स्टेम सेल अनुसंधान के लिए, अनैतिक अभ्यास को रोकने के लिए स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत स्टेम सेल शोध के लिए राष्ट्रीय शीर्ष समिति से अनुमति की जरूरत होती है। मामले में स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सचिव सौम्य स्वामीनाथन ने कहा कि डेरे के अस्पताल की ओर से पैनल से कोई अनुमोदन नहीं मांगा गया।
सिरसा आईएमए के अध्यक्ष डॉ के गोयल ने बताया कि हमारे पास डॉक्टरों के बारे में कोई जानकारी नहीं है और न ही हमारे पास इन डॉक्टरों से पूछने का कोई अधिकार है।
जानकारी के मुताबिक अस्पताल में काम कर रहे एक डॉक्टर ही सिरसा के भारतीय मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के साथ पंजीकृत हैं। जबकि आईएमए सिरसा में पंजीकृत 150 से ज्यादा डॉक्टर हैं।