Year Ender 2022: टीम इंडिया के लिए नाकामियों का साल, 5 मोर्चों पर ढेर भारतीय शेर
टीम इंडिया के लिए साल 2022 का आगाज खराब रहा और इसके अंतिम महीने में भी एक निराशाजनक हार का सामना रोहित शर्मा की टीम को करना पड़ा.
भारतीय टीम हर उस मोर्चे पर नाकाम हुई, जहां उससे आसानी से जीत की उम्मीद इस बार थी.
ऐसा लगा था, ये बदलाव का साल है, उम्मीद का साल है, इंतजार खत्म होने का साल है. साल खत्म हो गया, लेकिन जरूरत से ज्यादा ही बदलाव होते रहे, उम्मीदें फिर टूटती गईं, इंतजार और लंबा होता गया. साल 2022 के लिए किसी भी लिहाज से अच्छा नहीं रहा (शायद मेलबर्न में पाकिस्तान पर मिली जीत छोड़कर). हर वो मौका भारत के हाथ से फिसला, जहां लगा था कि इस बार जीत पक्की है. हर ऐसे मौके पर टीम इंडिया को निराशा हाथ लगी.
नया साल शुरू होने वाला है और एक बार फिर टीम इंडिया और उसके फैंस नई उम्मीदों के साथ पूरे साल राह देखेंगे. लेकिन इससे पहले 2022 के उन पांच मोर्चों के बारे में बताते हैं, जहां टीम इंडिया को नाकामी हाथ लगी.
शुरुआत में गंवाया शानदार मौका
साल की शुरुआत भारत ने अच्छे अंदाज में की थी क्योंकि साउथ अफ्रीका दौरे पर टीम इंडिया दिसंबर 2021 का आखिरी टेस्ट जीतकर सीरीज में 1-0 से आगे थे. जनवरी के महीने में दो टेस्ट और खेले जाने थे और लगा था कि साउथ अफ्रीका में पहली टेस्ट सीरीज जीतने का सपना पूरा हो ही जाएगा. लेकिन ये वो वक्त तक जब भारतीय टीम कप्तानी विवाद से गुजर रही थी. फिर शायद टीम इंडिया अति-आत्मविश्वास में बह गई और लगातार दो टेस्ट (जोहानिसबर्ग और केपटाउन) हारकर सीरीज 1-2 से गंवा दी. एक शानदार मौका हाथ से निकल गया. विराट कोहली ने तुरंत कप्तानी छोड़ दी. दौरे का अंत वनडे सीरीज में 0-3 के क्लीन स्वीप से हुआ.
आंधी में उड़ी टीम और सीरीज
साउथ अफ्रीका की हार के 6 महीने बाद टीम इंडिया के पास एक और ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीतने का मौका था. इंग्लैंड में 2021 में हुई सीरीज में टीम इंडिया 2-1 से आगे थी. पांचवां टेस्ट तब कोरोना के कारण टालना पड़ा था. ये टेस्ट इस साल 1 जुलाई से बर्मिंघम के एजबेस्टन मैदान में खेला गया. भारतीय टीम को जीत या कम से कम एक ड्रॉ की जरूरत थी, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. नए कप्तान बेन स्टोक्स और नए कोच ब्रैंडन मैक्कलम की जोड़ी ने मिलकर जिस आंधी की शुरुआत की थी, उसका शिकार टीम इंडिया भी हुई और 7 विकेट से करारी हार हुई. सीरीज गंवाई नहीं, लेकिन जीती भी नहीं और 2-2 से ड्रॉ रही.
पहले इम्तिहान में ही नाकाम
डेढ़ महीने बाद ही भारत को अगला झटका लगा. रोहित शर्मा की कप्तानी में एशिया कप के रूप में पहला बड़ा टूर्नामेंट खेलने उतरी भारतीय टीम यहां चूक गई. पाकिस्तान के खिलाफ पहले ही मैच में बड़ी मुश्किल से मिली जीत के साथ भारत ने शुरुआत अच्छी की लेकिन सुपर फोर राउंड में ही पाकिस्तान और श्रीलंका से हारकर बाहर हो गई और फाइनल तक भी नहीं पहुंच पाई. इस टूर्नामेंट का सिर्फ एक पहलू भारतीय क्रिकेट के लिहाज से यादगार रहा- विराट कोहली का 71वां शतक.
सबसे बड़ी नाकामी
भारत के लिए सबसे बड़ा झटका था ऑस्ट्रेलिया में हुआ टी20 विश्व कप. इस विश्व कप से ठीक एक साल पहले UAE में हुए टी20 विश्व कप में शर्मनाक तरीके से ग्रुप राउंड में बाहर होने के बाद ही टीम इंडिया में कप्तान, कोच और अप्रोच बदले, लेकिन एक साल बाद जब सबसे अहम टूर्नामेंट आया तो सारे बदलाव सिफर साबित हुए. एक बार फिर कोहली की ओर से ही भारत के लिए टूर्नामेंट कुछ यादगार रहा. पहले ही मैच में मेलबर्न में पाकिस्तान के खिलाफ हैरतअंगेज अंदाज में जीत दिलाने के साथ कोहली और भारत ने टूर्नामेंट में अच्छी शुरुआत की थी. इस बार टीम सेमीफाइनल में पहुंचने में सफल रही, लेकिन यहां उसे इंग्लैंड ने 10 विकेट से बुरी तरह धो दिया.
साल का आखिरी महीना भी भारत के लिए निराशा लेकर आया. बांग्लादेश दौरे पर गई टीम इंडिया को वनडे सीरीज में हार का सामना करना पड़ा. 7 साल बाद बांग्लादेश का दौरा कर रही भारतीय टीम को सीरीज के पहले दो मैचों में ही करारी हार मिली. आखिरी मैच में किसी तरह टीम इंडिया ने जीत दर्ज कर क्लीन स्वीप की शर्मिंदगी से खुद को बचाया. आखिरी मैच में इशान किशन का धुआंधार दोहरा शतक और कोहली का शतक ही सीरीज के अंत में कुछ सांत्वना देने वाला रहा.