यूपी सरकार राज्य में 60 वर्ष के ऊपर की उम्र वाले 10 लाख साधु-संतों को भी वृद्धावस्था पेंशन योजना में शामिल करने जा रही है। दरअसल सरकार को लगता है कि यह योजना उसके लिए आगामी लोकसभा चुनावों में गेम चेंजर साबित हो सकती है। प्रदेश सरकार ने इसके लिए सूबे के सभी जिलों में शिविर लगाकर साधु-संतों को इस योजना के दायरे में शामिल कर उन्हें लाभ देगी।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पेंशन योजनाओं में साधु-संतों को शामिल करने का कदम उठाने जा रही है। वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत सूबे के सभी जिलों में प्रदेश सरकार शिविर लगाकर साधु-संतों को प्रोत्साहित करके इस योजना के दायरे में शामिल कर उन्हें लाभ देगी।
यूपी सरकार राज्य में 60 वर्ष के ऊपर की उम्र वाले 10 लाख साधु-संतों को भी वृद्धावस्था पेंशन योजना में शामिल करने जा रही है। दरअसल सरकार को लगता है कि यह योजना उसके लिए आगामी लोकसभा चुनावों में गेम चेंजर साबित हो सकती है। प्रदेश सरकार ने इसके लिए सूबे के सभी जिलों में शिविर लगाकर साधु-संतों को इस योजना के दायरे में शामिल कर उन्हें लाभ देगी।
अभी तक यूपी में 37 लाख वृद्धों को पेंशन मिल रही है। सरकार 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों को हर माह 400 रुपये पेंशन देती है। 80 वर्ष की उम्र के बाद यह बढ़कर 600 रुपये हो जाती है।
सीएम योगी ने कहा कि सभी निराश्रित लोग (महिला और दिव्यांग भी) अब 400 की जगह पर 500 रुपये पेंशन पाएंगे। इसके लिए प्रदेश में 30 जनवरी तक विशेष कैंप का अयोजन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि हरेक निराश्रित महिला, पुरुष और दिव्यांग को 500 रुपये पेंशन दिया जाएगा। प्रदेश सरकार सभी निराश्रित जनों को बिना भेदभाव के उनके पात्रता के हिसाब से पेंशन देगी। आज से लेकर 30 जनवरी तक पूरे प्रदेश में हम विशेष कैंप आयोजित करने जा रहे हैं। हमारा प्रयास है कि इसमें किसी भी निराश्रित को छोड़ा न जाए।
इस दिशा में कोर्ट ने भी समय-समय पर हमारा ध्यान दिलाया है। उधर, योगी सरकार के इस ऐलान पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी तंज कसा। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि साधु-संतों को 20 हजार रुपये पेंशन दिया जाए।
अखिलेश ने कहा, ‘ योगी सरकार साधु-संतों को भी पेंशन दे। उन्होंने कहा कि हमने तो रामलीला के पात्रों को पेंशन देने की स्कीम शुरु की थी। सीएम योगी भी राम और सीता को पेंशन दें और राम-सीता से बचे तो रावण को भी पेंशन दें।’एसपी सुप्रीमो ने इस दौरान मायावती पर बीजेपी विधायक के बयान पर पलटवार करने के साथ ही कहा कि देश को नए प्रधानमंत्री का इंतजार है।
अखिलेश ने कहा कि कुंभ दान का पर्व माना जाता है। केंद्र सरकार को चाहिए कि वह प्रयागराज का अकबर किला यूपी सरकार को दान दे दे ताकि सरस्वती कुंभ लोगों के लिए हमेशा के लिए खुल जाए। सेना को जगह चाहिए तो उसे चंबल में खाली पड़ी जगह पर भेज दें। बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पहली बार प्रयागराज में चल रहे कुंभ में कैबिनेट बैठक करने जा रही है। यह बैठक 29 जनवरी या 4 फरवरी को हो सकती है।
प्रदेश में अभी तक चल रही पेंशन योजना में साधु-संतों को इसलिए शामिल नहीं किया जाता था, क्योंकि उनके पास मूलभूत कागजात और दस्तावेज नहीं होते थे। सरकारें भी संतों को सुविधाओ को लेकर उदासीन थी। अब योगी सरकार ने हर जिले में शिविर लगा वृद्धावस्था पेंशन में छूटे हुए लोगों को शामिल करने का फैसला किया है। इसमें विशेष तौर पर ध्यान दिया जाएगा कि साधु-संतों को भी शामिल किया जाए।
सरकार के सूत्रों का ये भी कहना है कि अभी तक साधू-संतों को सरकारी सपोर्ट न मिलने के कारण वो पेंशन योजनाओं के लिए आवेदन भी नहीं कर पाते थे। लेकिन मौजूदा सरकार ने साधु संतों को प्रोत्साहित करके इस योजना के दायरे में लाने का फैसला किया है ताकि उन्हें भी सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।
लोकसभा चुनाव से पहले योगी सरकार प्रदेश की तमाम महत्वपूर्ण योजनाओं को जोर-शोर से प्रसारित करने में लगी है, जिनमें आयुष्मान उज्जवला और सौभाग्य जैसी कई योजनाएं हैं। ये योजनाएं सीधे तौर पर जनता से जुड़ी हुई हैं। ऐसे में सरकार की इन योजनाओं का प्रसार करके ज्यादा से ज्यादा लाभ चुनाव में उठाना चाहती है. इसीलिए सरकार नए सिरे से इन योजनाओं के आवंटन शिविर लगाकर समस्याएं दूर करने और फीडबैक लेने की मुहिम चला रही है।