नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है। प्रियंका गांधी ने 29 जून को ट्वीट करके लिखा कि पूरे उत्तर प्रदेश में अपराधी खुलेआम मनमानी करते घूम रहे हैं। एक के बाद एक अपराधिक घटनाएँ हो रही हैं। मगर उ.प्र. भाजपा सरकार के कान पर जूँ तक नहीं रेंग रही। क्या उत्तर प्रदेश सरकार ने अपराधियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है? प्रियंका गांधी के इस ट्वीट पर योगी आदित्यनाथ ने पलटवार किया है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह अंगूर खट्टे हैं वाली बात है। उनकी पार्टी के अध्यक्ष उत्तर प्रदेश से चुनाव हार गए, वह दिल्ली में, इटली में या फिर इंग्लैंड में कहीं बैठे हैं। इन लोगों को कुछ कहना है जिससे कि वह सुर्खियों में बने रहे, लिहाजा कुछ भी कह रहे हैं। वहीं जहां योगी आदित्यनाथ ने प्रियंका गांधी पर उनके ट्वीट को लेकर निशाना साधा तो दूसरी तरफ प्रियंका गांधी ने अनुदेशकों के मुद्दे पर भी यूपी सरकार को घेरा है। उन्होंने अनुदेशकों के मानदेय को कम किए जाने की वजह से यूपी की भाजपा सरकार को आड़े हाथ लिया है।
पूरे उत्तर प्रदेश में अपराधी खुलेआम मनमानी करते घूम रहे हैं। एक के बाद एक अपराधिक घटनाएँ हो रही हैं। मगर उ.प्र. भाजपा सरकार के कान पर जूँ तक नहीं रेंग रही।
क्या उत्तर प्रदेश सरकार ने अपराधियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है? pic.twitter.com/khYP4eZam2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 29, 2019
प्रियंका गांधी ने ट्वीट करके लिखा कि उप्र भाजपा सरकार अनुदेशकों के ऊपर अत्याचार किए जा रही है। 17,000 रुपए प्रतिमाह वेतनमान का वादा पूरा करना तो दूर अब उनके 8,470 रु मानदेय में से भी कटौती की जा रही है। क्या उप्र सरकार के पास इस धोखेबाजी का कोई जवाब है? प्रियंका ने इस ट्वीट के साथ एक अखबार की खबर को साझा किया है, जिसमे लिखा है कि अनुदेशकों का मानदेय घटकर सात हजार रुपए हुआ। बता दें कि सरकारी जूनियर स्कूलों में तैनात तकरीबन 30 हजार अनुदेशकों का मानदेय घटाने का सरकार ने फैसला लिया है, जिसके बाद उन्हें 8470 रुपए की जगह अभ सिर्फ 7000 रुपए ही दिए जाएंगे। शुक्रवार को बेसिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने 7000 रुपए का मानदेय अप्रैल और मई माह के लिए जारी किया है।
उप्र भाजपा सरकार अनुदेशकों के ऊपर अत्याचार किए जा रही है। 17,000 रुपए प्रतिमाह वेतनमान का वादा पूरा करना तो दूर अब उनके 8,470 रु मानदेय में से भी कटौती की जा रही है।
क्या उप्र सरकार के पास इस धोखेबाजी का कोई जवाब है? pic.twitter.com/YwJ97NpMoB
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 30, 2019