यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोनभद्र नरसंहार मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए जिले के डीएम व एसपी को हटा दिया।
एस राजलिंगम सोनभद्र के नए जिलाधिकारी व प्रभाकर चौधरी जिले के नए पुलिस अधीक्षक होंगे।
मामले में डीआईजी एसआईटी रवींद्र गौड़ की अध्यक्षता में चार सदस्यीय एसआईटी गठित कर दोषियों पर एफआईआर दर्ज करने व कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।
एसआईटी में अपर पुलिस अधीक्षक अमृता मिश्रा व तीन पुलिस इंस्पेक्टर को विवेचना के लिए शामिल किया गया है।
वहीं, सहायक अभिलेख अधिकारी सोनभद्र राजकुमार, उप जिलाधिकारी घोरावल विजय प्रकाश तिवारी पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई का आदेश दिया गया है।
मामले में क्षेत्राधिकारी घोरावल अभिषेक सिंह, उपनिरीक्षक लल्लन प्रसाद यादव, अरविंद कुमार मिश्र व बीट आरक्षी सत्यजीत यादव के खिलाफ गृह विभाग द्वारा अनुशासनिक जांच का शुरू कर दी गई है।
रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोनभद्र नरसंहार पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि सोनभद्र का विवाद कांग्रेस के समय में शुरू हुआ था। 1955 में जमीन की हेराफेरी की गई थी। हमने सोनभद्र की स्थिति का जायजा लिया और मामले की जांच करवाई। मामले में सपा व कांग्रेस के नेता शामिल थे।
मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि मामले में एसआईटी गठित की गई है। जो भी दोषी है उसे बख्शा नहीं जाएगा।
इसके पहले, सोनभद्र में जमीन विवाद में 10 लोगों की हत्या के बाद शासन से गठित उच्च स्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट शनिवार शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी।
समिति ने इस मामले में राजस्व, सहकारिता व पुलिस विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की कदम-दर-कदम मनमानी की पुष्टि की है।
साथ ही विशेष जांच दल (एसआईटी) से मामले की विस्तृत जांच या अन्य उच्च स्तरीय जांच कराने की सिफारिश की थी।
रिपोर्ट में सोनभद्र में जमीन हड़पने का पूरा खेल सरकारी तंत्र व प्रभावशाली नेताओं की मिलीभगत का नतीजा बताया गया है।