यूपी में योगी राज को आज 6 महीने पूरे हो गए हैं। 19 मार्च को योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इस मौके पर योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में अपनी सरकार के कामकाज का लेखा-जोखा पेश किया। उन्होंने कहा कि यूपी में मार्च, 2017 के बाद एक भी दंगा नहीं हुआ है। साथ ही उन्होंने बताया कि सूबे से गुंडागर्दी और अपराध का सफाया किया जा रहा है।
योगी के बयान की मुख्य बातें…
-6 महीनों में 33 लाख फर्जी राशन कार्ड मिले।
-जीएसटी के बाद 30% तक राजस्व बढ़ा।
-भूमाफियाओं से सरकारी भूमि मुक्त हुई।
-तीन साल में पुलिस की 1.5 लाख पोस्ट पर होंगी नियुक्तियां।
-6 महीने में 430 एनकाउंटर किए गए।
-कुख्यात अपराधियों को मार गिराया गया।
-बिजली की व्यवस्था में सुधार किया गया।
-95% गन्ना किसानों का भुगतान किया गया।
-लाखों किसानों का कर्ज माफ हुआ।
-क्रय केंद्र के जरिए अनाज खरीदने का काम किया।
-किसानों के कल्याण के लिए ट्यूबवेल और सोलर पंप की व्यवस्था की।
-मार्च, 2017 के बाद दंगे की एक भी घटना नहीं हुई।
-मंत्रियों की मेहनत से लोगों में विश्वास पैदा हुआ है।
-आज लोग महसूस कर रहे हैं कि वो सुरक्षित हैं, 6 महीने में भय का वातावरण दूर हुआ है।
-यूपी पुलिस की कार्रवाई दूसरे राज्यों की पुलिस के लिए उदाहरण है।
-86 लाख किसानों की फसली ऋण माफ किया है।
-सड़को को गढ्ढा मुक्त करने का अभियान फिर 1 अक्टूबर से शुरू होगा।
-बची हुई सड़कों को 31 दिसंबर से पहले गड्ढा मुक्त किया जाएगा।
– 1 अक्टूबर से सरकारी दफ्तर E-office से जोड़े जाएंगे।
-जमीन की खातौनी अब आधार कार्ड से जुड़ेगी।
-9 लाख 70 हजार लोगों के लिए प्रधानमंत्री अवास योजना के तहत घर दिए जा रहे हैं।
-GST में यूपी अव्वल आया है।
-16 लाख लोगों को बिजली का कनेक्शन दिया है, जिनमें से 6 लाख गरीबी रेखा से नीचे हैं।
इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने ये भी कहा कि हम किसानों का सम्मान कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘4 हजार से कम ऐसे किसान हैं जिनका 1 रुपए से 10 हजार रुपये तक कर्ज माफ हुआ है, लेकिन 10 हजार 96 लाख किसान ऐसे हैं जिनका 10 हजार से 1 लाख तक कर्ज माफ हुआ है’।
अखिलेश पर चुटकी
योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव से ट्विटर को लेकर चल रही बयानबाजी पर भी टिप्पणी की। योगी ने कहा, ‘अखिलेश जी ट्विटर पर मजाक बनाना जारी रखेंगे तो खुद ही मजाक बन जाएंगे।
इससे पहले योगी ने सोमवार को अखिलेश यादव सरकार पर श्वेत पत्र जारी किया था। जिसमें उन्होंने अखिलेश सरकार पर टिप्पणी करते हुए था कि पुरानी सरकार के बहुत से कारनामे हैं।
योगी ने अखिलेश सरकार के दौरान सार्वजनिक संस्थाओं पर कर्ज बढ़ने का भी दावा किया था। साथ ही ये बताया था कि सूबे के अंदर पीएसयू बंद हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सार्वजनिक उपक्रमों पर 91000 करोड़ का घाटा है। इससे साफ जाहिर है कि पिछली सरकार जन विरोधी, भ्रष्टाचार युक्त और गैर जिम्मेदार थी।