नई दिल्ली- आईपीएल का आठवां सत्र समाप्त हो चुका है और 47 दिन चले इस टूर्नामेंट में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले। मुंबई इंडियंस ने जबर्दस्त वापसी कर दूसरी बार खिताब जीता, लेकिन यह स्टोरी सफलता की नहीं, वरन इस सत्र की असफलता की है।
इसमें उन खिलाड़ियों की इलेवन शामिल है, जिन्होंने अपनी टीम के अधिकांश मैचों में हिस्सा लिया और बुरी तरह फ्लॉप रहे। उम्मीद के अनुसार किंग्स इलेवन पंजाब और दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाड़ियों का इस सूची में दबदबा रहा।
1. वीरेंद्र सहवाग : 2014 की उपविजेता टीम किंग्स इलेवन के लिए इस बार बड़ी ओपनिंग साझेदारी का नहीं हो पाना असफलता की प्रमुख वजह रहा। उन्होंने सहवाग, मुरली विजय, मनन वोहरा और रिद्धिमान साहा के साथ अलग-अलग कॉम्बिनेशन अपनाए। इस लिस्ट में नवाब ऑफ नजफगढ़ प्रमुख निराशा रहे। सहवाग बुरी तरह फ्लॉप रहे और 8 पारियों में मात्र 99 रनों का योगदान दे पाए। दिल्ली के खिलाफ एक मैच में उन्होंने 47 रन बनाए।
4. युवराज सिंह : दिल्ली की फ्रेंचाइजी मालिक जीएमआर द्वारा युवराज सिंह पर खर्च किए गए थे 16 करोड़ रुपए और वे मात्र 248 रन बना पाए। युवी ने 19.07 की औसत से ये रन बनाए। टी-20 मैचों में मध्यक्रम टीम की जान होती है और ऐसे दिग्गज असफल बल्लेबाज की वजह से दिल्ली का प्रदर्शन निश्चित रूप से प्रभावित होना ही था। उन्होंने कुछ मैचों में अपनी चमक भी दिखाई, लेकिन उनकी कीमत के हिसाब से वे सबसे बड़े फ्लॉप रहे। वे इस सत्र को भुला देना चाहेंगे।
5. ग्लेन मैक्सवेल : विश्व कप मे जबर्दस्त प्रदर्शन करने वाले मैक्सवेल के लिए आईपीएल का यह सत्र बेहद निराशाजनक रहा। वे 11 पारियों में मात्र 145 रन जुटा पाए। उनका स्ट्राइक रेट 130 रहा, लेकिन सत्र के अंतिम पड़ाव की तरफ उनके कंधे बहुत झुक गए थे, जो कोच संजय बांगर के लिए चिंता का विषय है। उनके आउट होने का तरीका भी अजीब रहा।
6. एंजेलो मैथ्यूज : दिल्ली डेयरडेविल्स के कोच गैरी कर्स्टन ने नीलामी में पूरा जोर युवराज सिंह पर लगाया था। वैसे मैथ्यूज इस नीलामी में तीसरे महंगे खिलाड़ी के रूप में खरीदे गए थे, लेकिन दिल्ली उनका पूरा लाभ नहीं उठा पाई। उनका प्रदर्शन टुकड़ों-टुकड़ों में अच्छा रहा। उन्होंने 11 मैचों में मात्र 104 गेंदों का सामना किया, क्योंकि दिल्ली सही तालमेल नहीं बिठा पाई।
7. जेम्स फॉकनर : विश्व कप फाइनल में मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार जीतकर जेम्स फॉकनर आईपीएल में पहुंचे थे, इसलिए उनका ध्यान खिताब जीतने पर नहीं था। वैसे राजस्थान रॉयल्स के लिए वे बड़ा धक्का साबित हुए। उन्होंने इस सत्र में 150 से कम रन बनाए और प्रति ओवर 9.5 से ज्यादा के हिसाब से रन लुटाए।
8. दिनेश कार्तिक : तमिलनाडु के इस विकेटकीपर को भी विभिन्न फ्रेंचाइजियां बड़ी कीमत पर खरीदती रही। रॉयल चैलेंजर्स बंगलोर (आरसीबी) ने उन्हें भारी कीमत देकर खरीदा, लेकिन नाकामयाबी का उन सिलसिला जारी रहा। कार्तिक की यह चौथी फ्रेंचाइजी है, लेकिन असफलता के मामले में उनकी निरंतरता बनी हुई है।
9. मिचेल जॉनसन : असफलता के इस सत्र में मिचेल जॉनसन 9 मैचों में मात्र 9 विकेट ही हासिल कर पाए। उनके सम्मान को सबसे ज्यादा धक्का पार्थिव पटेल ने पहुंचाया, जब उन्होंने इस ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज की जमकर पिटाई की। इसी जॉनसन ने ऑस्ट्रेलिया के पिछले भारत दौरे पर युवी और रैना को बाउंसर्स पर चलता किया था।
10. उमेश यादव : टीम इंडिया के अहम तेज गेंदबाजों में से एक उमेश यादव द्वारा शुरुआती सफलता दिलाना कोलकाता नाइटराइडर्स के लिए अहम था, लेकिन वे इसमें पूरी तरह सफल नहीं हो पाए। वैसे उन्होंने 24 के स्ट्राइक रेट से 10 विकेट लिए, लेकिन उनके आक्रमण में सटीकता नहीं थी। वे जबर्दस्त यॉर्कर के बाद अगली गेंद वाइड डालकर अपने प्रशंसकों को निराश करते रहे।
11. सुनील नरेन : इस सूची में यह खिलाड़ी ऐसा है जिससे हर किसी को सहानुभूति होगी। टूर्नामेंट के पहले उनके गेंदबाजी एक्शन को लेकर संदिग्ध स्थिति के चलते केकेआर टीम ने अबूझ स्पिनर ‘केसी करिअप्पा’ को हासिल किया। इतना ही नहीं, बीसीसीआई ने बीच टूर्नामेंट में उनके गेंदबाजी एक्शन को अवैध बताते हुए उन पर प्रतिबंध लगाया, वैसे कुछ दिनों बाद उन्हें फिर हरी झंडी दी गई। वैसे उन्होंने किंग्स इलेवन के खिलाफ चार विकेट लेते हुए टीम को जीत दिलाई। एजेंसी