लखनऊ- एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फैले बुखार ने चिकित्सा वैज्ञानिकों की धड़कन बढ़ा दी है। यहां डेंगू और चिकनगुनिया का प्रकोप तो है ही। अब एक नए वायरस की आशंका डॉक्टरों के माथे पर पसीना ला रही है। इस वायरस का नाम है जीका वायरस।
जीका वायरस के लक्षण भी हू-ब-हू डेंगू और चिकनगुनिया जैसा ही हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इस वायरस का कोई भी केस अभी तक हिन्दुस्तान में सामने नहीं आया है, लेकिन वो हाई अलर्ट पर हैं।
मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की टीम भी अलर्ट पर है। पिछली बार के आंकड़े बताते हैं कि यहां कुल 895 केस डेंगू के पॉजिटिव पाए गए थे। इस बार सीज़न शुरू हुआ है और अभी तक 12 केस डेंगू के पाए गए हैं, जबकि चिकनगुनिया भी इस बार दस्तक दे चुका है।
यहां दो मरीज़ चिकनगुनिया के भी पॉजिटिव मिले हैं। ऐसे में जीका वायरस को लेकर भी चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों में दहशत है कि कहीं ये मच्छरों का ट्रिपल अटैक तो नहीं हो रहा है।
डेंगू और चिकनगुनिया से तो डॉक्टर जूझ ही रहे हैं। डेंगू और चिकनगुनिया के लिए अलग वार्ड बना दिया गया है। सारी व्यवस्थाएं कर ली गई हैं, लेकिन एक जीका वायरस की आशंका डॉक्टरों के लिए चैलेंज बन गया है।
ऐसी आशंका जताई जा रही है कि हाल ही में ब्राज़ील में हुए रियो ओलम्पिक के बाद इस वायरस के भारत में प्रवेश करने की संभावना बढ़ गई है। इस आशंका से डॉक्टर इनकार भी नहीं कर रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि वो अलर्ट पर हैं और ऐसे किसी भी वायरस का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं।
देश के अग्रणी चिकित्सा संस्थानों में बुखार के तमाम मरीज़ों के रक्त सैम्पल की जांच में किसी भी नए वायरस का संकेत नहीं उभरा है।
गौरतलब है कि बीते साल ब्राज़ील समेत दुनिया के तमाम देशों में जीका संक्रमण हुआ था। जिसके बाद ओलंपिक के दौरान बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही हुई है। चिकित्सकों की मानें तो ये नया वायरस गर्भस्थ शिशु के दिमाग पर घातक असर छोड़ सकता है।
जीका वायरस को लेकर भारत सरकार भी अलर्ट पर है। डॉक्टरों का कहना है कि नए वायरस की जांच के बिना उसे जीका नहीं कहा जा सकता, लेकिन भारत में एड़ीज़ इजिप्टी मच्छरों की तादाद भयावह है।
इससे हर साल डेंगू और चिकनगुनिया फैलता है। यही मच्छर जीका वायरस भी फैलाता है, इसलिए अलर्ट पर रहने की ज़रूरत है। डॉक्टरों का ये भी कहना है कि इस वायरस की आरएनए जांच होनी चाहिए।
क्यों हैं जीका की आशंका?
जीका के लक्षण डेंगू और चिकनगुनिया से मिलते जुलते हैं। जीका भी मादा एडीज़ एजिप्टी मच्छर के काटने से होता है।
जीका संक्रमित देशों से आने वाले लोगों की एयरपोर्ट पर जांच होती है। लेकिन सप्ताह भर पूर्व हुए संक्रमण की जांच नहीं की जा सकती।
डेंगू और चिकनगुनिया की तरह ये वायरस भी शरीर में सप्ताहभर रहता है।
20 देशों में जीका वायरस पहुंच चुका है। यहां से भारत में लोगों का खूब आना जाना है। ये मच्छर भी बाल्टियों गमलों और पानी से भरे पात्रों में अंडे देता हैं। [एजेंसी]