विशाखापत्तनम [ TNN ] चक्रवाती तूफान हुदहुद ने रविवार को विशाखापत्तनम के पास आंध्र तट को पार किया। इस दौरान तटीय इलाकों में तेज आंधी और भारी बारिश के कारण तीन व्यक्तियों की मौत हो गई है। बंगाल की खाड़ी में उठा अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान दोपहर के आसपास पुदिमाडका गांव में तट को पार करने लगा। पुदिमाडका गांव विशाखापत्तनम से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित है।
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने हैदराबाद में संवाददाताओं से कहा कि तूफान का नेत्र तट पार कर चुका है, लेकिन पूरे तूफान को पार करने में तीन-चार घंटे लग सकते हैं। तूफान की जानकारी देने वाले राडार से संपर्क टूट जाने के कारण प्रशासन को तूफान की गति और उसके प्रभाव के बारे में जानकारी मुहैया कराने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। नायडू ने कहा कि नौसेना ने जानकारी दी है कि तूफान का नेत्र पार हो चुका है और आंधी की रफ्तार 185 किलोमीटर प्रति घंटा है। साथ ही उन्होंने कहा कि चूंकि संपर्क तंत्र ध्वस्त हो चुका है लिहाजा हमारे पास नुकसान के आंकलन का कोई तंत्र नहीं है।
विशाखापत्तनम, श्रीकाकुलम, विजयानगरम जिले शनिवार रात से ही भारी बारिश और तेज आंधी की चपेट में हैं। इसके परिणामस्वरूप निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं, पेड़ उखड़ गए, बिजली आपूर्ति और संपर्क टूट गए हैं। चूंकि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने चेतावनी दी है कि संक्षिप्त ठहराव के बाद अधिक क्षति हो सकती है, लिहाजा नायडू ने लोगों को सलाह दी है कि पूरे तूफान के क्षेत्र से पार होने तक वे घरों के अंदर बने रहें।
नायडू ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की मदद से सभी एहतियाती कदम उठाए, ताकि जान-माल का कम से कम नुकसान हो, फिर भी तीन लोगों की मौत हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि विशाखापत्तनम में एक व्यक्ति की मौत दीवार गिरने से हो गई, जबकि दूसरे व्यक्ति की मौत श्रीकाकुलम जिले में पेड़ गिरने से हुई। तीसरी मौत के बारे में विवरण फिलहाल उपलब्ध नहीं हो पाया है।
उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम, विजयानगरम और विशाखापत्तनम जिलों तथा पास के ईस्ट गोदावरी और वेस्ट गोदावरी तटीय जिलों में प्रशासन हाई अलर्ट पर है, क्योंकि तूफान के भारी तबाही मचाने की आशंका है। अधिकारियों ने इसके पहले कहा था कि लगभग 400,000 लोगों को निकालने की जरूरत है, लेकिन मात्र 90,013 लोगों को ही राहत शिविरों में ले जाया गया है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की नौ टीमें, सेना की दो टुकड़ी, छह हेलीकॉप्ट और 56 नौकाएं राहत एवं बचाव अभियान के लिए तैयार हैं।