
उन्होेंने महिलाओं के प्रजनन अधिकार की स्थिति एवं पुरुषों तथा परिवारों द्वारा अपने फैसले उन पर थोपने के विषय पर विचार रखते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘इस देश में जब हम प्रजनन अधिकारों की बात करते हैं तो जहां तक महिलाओं का प्रश्न है तो बमुश्किल ही उनकी कोई पसंद होती है… मैं कोई सहयोग तो नहीं कर सकता लेकिन मुझे आश्चर्य होता है कि इंसान के तौर पर हमने कैसे मानवता को पराजित कर दिया है।’
उन्होंने कहा, ‘मैं इस बात से बड़ा हैरान हूं कि 21वीं सदी में प्रौद्योगिकी उन्नति, अंतरिक्ष में बार बार कदम रखने और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विकास बाद भी हम अपनी महिलाओं को मानवता के फलों का स्वाद नहीं चखा पाए। [एजेंसी]