हिन्द महासागर में चीन अपने वर्चस्व के लिए पैंतरेबाजी करने से बाज नहीं आ रहा है। जानकारी सामने आई है कि एक बार फिर चीन ने अपने जासूसी पोत को हिन्द महासागर में भेजा है।
हिन्द महासागर में चीन अपने वर्चस्व के लिए पैंतरेबाजी करने से बाज नहीं आ रहा है। जानकारी सामने आई है कि एक बार फिर चीन ने अपने जासूसी पोत को हिन्द महासागर में भेजा है। खास बात यह है कि चीन ने यह हरकत ऐसे वक्त में की है जब भारत बंगाल की खाड़ी में मिसाइलों का परीक्षण करने वाला है। ऐसा माना जा रहा है कि भारत चीनी पोत की हिन्द महासागर में एंट्री के बाद मिसाइल परीक्षण स्थगित कर सकता है। हालांकि यह पोत भारतीय समुद्री सीमा से काफी दूर है लेकिन, नौसेना पोत की गतिविधियों पर पैनी नजर रखे हुए हैं। इससे पहले अगस्त माह में श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर चीन ने अपना जासूसी पोत उतारा था। जिसके बाद भारत ने नाराजगी जाहिर की थी।
भारतीय नौसेना सूत्रों का कहना है कि 22,000 टन से अधिक भारी चीनी पोत जिसका नाम युआन वांग -6 है। इस पोत को खासतौर पर जासूसी के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके पीछे बड़ी वजह इसमें बड़े एंटीना और जासूसी के लिए उन्नत निगरानी उपकरण है। इसके अलावा यह पोत इलेक्ट्रॉनिक स्नूपिंग के साथ सेंसर से लैस है।
मिसाइल परीक्षण होगा स्थगित?
रक्षा सूत्रों का कहना है कि भारत अगले सप्ताह बंगाल की खाड़ी के पास मिसाइल परीक्षण करने वाला है। लिहाजा चीन का हिन्द महासागर में जासूसी पोत उतारना बड़े सवाल पैदा करता है। इस पोत की खासियत ही जासूसी करना है। इसे उपग्रह प्रक्षेपण की निगरानी और लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के ट्रैकिंग करने में महारथ हासिल है। माना जा रहा है कि भारत चीनी पोत की हिन्द महासागर में एंट्री के बाद मिसाइल परीक्षण स्थगित कर सकता है।
इंडोनेशिया से आईओआर में एंट्री
रक्षा सूत्रों का दावा है कि जब से इस पोत ने इंडोनेशिया के सुंडा हिस्से से हिंद महासागर क्षेत्र में एंट्री ली है, भारतीय नौसेना अलर्ट हो गई है। इस पोत की बारीकी से निगरानी की जा रही है। जानकारी के अनुसार, इस पोत ने शुक्रवार सुबह हिन्द महासागर क्षेत्र में प्रवेश किया था।