मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव अभी एक साल दूर है, लेकिन सियासी दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस बीच एक आदिवासी संगठन ने भी चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। किंगमेकर बनने का प्लान है।।
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव अभी एक साल दूर है, लेकिन सियासी दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस बीच एक आदिवासी संगठन ने भी चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। संगठन ने राज्य की 230 में से 80 सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा है ताकि अगली सरकार के गठन में उसकी अहम भूमिका हो। जय आदिवासी युवा संगठन (JAYS) भाजपा शासित राज्य में 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने को भी तैयार है।
संगठन भले ही अभी मध्य प्रदेश में बड़ा राजनीतिक-सामाजिक ताकत ना हो, लेकिन इसने अनूसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित सीटों पर वोटर्स को एकजुट करने की कोशिश में है। इसके अलावा उन सीटों पर भी फोकस किया जाएगा जहां आदिवासियों की संख्या ज्यादा है। जेएवाईएस के राष्ट्रीय संरक्षक और धार जिले में मानावर (एसटी) सीट से कांग्रेस विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने कहा कि उनका संगठन मध्य प्रदेश विधानसभा और लोकसभा में युवाओं को भेजना चाहता है।
अलावा कहते हैं कि राज्य में 47 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं तो 35 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए हैं। आदिवासी नेता ने कहा, ”युवा नेताओं को सदन में भेजने के लिए जेएवाईएस ने 2023 विधानसभा चुनाव में अपने बैनर तले प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है।” वह कहते हैं कि इन 35 सामान्य सीटें ऐसी हैं जहां आदिवासी वोटर्स की संख्या 50 हजार से एक लाख तक है और वह चुनावी नतीजे पर निर्णायक असर डालते हैं।
मध्य प्रदेश में विधानसभा की 230 सीटें हैं और अलावा कहते हैं कि उनका संगठन 80 सीटों पर फोकस कर रहा है। वह अगली सरकार में ‘किंगमेकर’ की भूमिका चाहते हैं। हालांकि, उन्होंने अभी यह नहीं कहा कि उनका संगठन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा। आदिवासी नेता ने कहा कि उनके प्रत्याशी निर्दलीय के तौर पर उतरेंगे, लेकिन बैनर उनके संगठन का होगा।