होशंगाबाद: नर्मदांचल के प्रमुख कृषि प्रधान क्षेत्र में इस बार दलहनी फसलों की पर्याप्त मात्रा में बोवनी हुई है। कृषि विभाग के अनुसार इस बार चना की बोवनी 25 हजार हेक्टेयर में अरहर 6 हजार, मटर 2 हजार व अन्य दलहनी फसलें करीब 4 हजार हेक्टेयर में बोई गई हैं। बीच-बीच में मौसम में हो रहे बदलाव के कारण अलग-अलग फसल में अलग तरह के रोग लगने से फसलों को नुकसान होना बताया जा रहा है। जिले में करीब 38 हजार हेक्टेयर में दलहनी फसलों की बोवनी हुई है। क्षेत्र के किसानों ने बताया कि कभी ठंड तेज तो कभी धूप तेज निकल रही है। उससे पूर्व भी मौसम में गड़बड़ी बनी रही, जिससे दलहनी फसलों को नुकसान हो रहा है। कुछ खेतों में तो चने की फसल सूखने जैसी हो रही है। खासकर नदियों और नाले के किनारे वाली फसलें काफी प्रभावित हुई हैं। किसानों का अनुमान है कि अभी तक दलहनी फसलों को करीब 10-15 फीसद तक नुकसान हो गया है।
किसान नेता नरेंद्र पटेल ने बताया कि दलहनी फसलों में इल्ली की शुरूआत हुई थी, तब ही कीटनाशक का छिड़काव किया गया है। लेकिन कुछ किसानों की चने की फसल में सूखा रोग लगने से फसल खराब हो रही है। कुछ किसानों की फसलों को काफी नुकसान हो गया है। किसान मनोहर केमइया का कहना है कि खेती करना अब घाटे का सौदा होता जा रहा है, क्योंकि कभी अतिवृष्टि तो कभी इल्ली या फिर तरह-तरह के रोग लग जाते हैं। जिससे क्षेत्र के अन्नदाताओं के सामने मुसीबत ज्यादा आती जा रही है।
- इनका कहना है : जिस प्रकार कुछ जगह दलहनी फसलों में हल्की फुल्की शिकायत आ रही है वह मौसम का असर हो सकता है, लेकिन कोई ज्यादा नुकसान की संभावना नहीं है। बादल होने के कारण कुछ स्थानों पर कीट का प्रभाव था, अब बादल भी छट गए हैं। अन्य फसलें ठीक हैं।
- जेएस कासदे, सहायक संचालक कृषि