29.1 C
Indore
Sunday, November 17, 2024

100 Crore Vaccines: पढ़ें, देश की इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष आलेख

फाइल फोटो

भारत ने टीकाकरण की शुरुआत के मात्र नौ महीनों बाद ही 21 अक्तूबर, 2021 को टीके की 100 करोड़ खुराक का लक्ष्य हासिल कर लिया है। कोविड-19 से मुकाबला करने में यह यात्रा अद्भुत रही है, विशेषकर जब हम याद करते हैं कि 2020 की शुरुआत में परिस्थितियां कैसी थीं। मानवता 100 साल बाद इस तरह की वैश्विक महामारी का सामना कर रही थी और किसी को भी इस वायरस के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। हमें यह स्मरण होता है कि उस समय स्थिति कितनी अप्रत्याशित थी, क्योंकि हम एक अज्ञात और अदृश्य दुश्मन का मुकाबला कर रहे थे, जो तेजी से अपना रूप भी बदल रहा था।

चिंता से आश्वासन तक की यात्रा पूरी हो चुकी है और दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के फलस्वरूप हमारा देश और भी मजबूत होकर उभरा है। इसे वास्तव में एक भगीरथ प्रयास मानना चाहिए, जिसमें समाज के कई वर्ग शामिल हुए हैं। पैमाने का अंदाजा लगाने के लिए, मान लें कि प्रत्येक टीकाकरण में एक स्वास्थ्यकर्मी को केवल दो मिनट का समय लगता है।

इस दर से, इस उपलब्धि को हासिल करने में लगभग 41 लाख मानव दिवस या लगभग 11 हजार मानव वर्ष लगे। गति और पैमाने को प्राप्त करने तथा इसे बनाए रखने के किसी भी प्रयास के लिए, सभी हितधारकों का विश्वास महत्वपूर्ण है। इस अभियान की सफलता के कारणों में से एक, वैक्सीन तथा बाद की प्रक्रिया के प्रति लोगों का भरोसा था, जो अविश्वास और भय पैदा करने के विभिन्न प्रयासों के बावजूद कायम रहा।

हम लोगों में से कुछ ऐसे हैं, जो दैनिक जरूरतों के लिए भी विदेशी ब्रांडों पर भरोसा करते हैं। हालांकि, जब कोविड-19 वैक्सीन जैसी महत्वपूर्ण बात सामने आई, तो देशवासियों ने सर्वसम्मति से ‘मेड इन इंडिया’ वैक्सीन पर भरोसा किया। यह एक महत्वपूर्ण मौलिक बदलाव है। यह टीका अभियान इसका उदाहरण है कि यहां के नागरिक और सरकार जनभागीदारी की भावना से लैस होकर साझा लक्ष्य के लिए साथ आएं, तो यह देश बहुत कुछ हासिल कर सकता है।

जब भारत ने टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया, तो 130 करोड़ भारतीयों की क्षमताओं पर संदेह करने वाले कई लोग थे। पर जनता कर्फ्यू और लॉकडाउन की तरह, लोगों ने यह दिखा दिया कि अगर उन्हें भरोसेमंद साथी बनाया जाए, तो परिणाम कितने शानदार हो सकते हैं। हमारे युवाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, स्वास्थ्य कर्मियों, सामाजिक एवं धार्मिक नेताओं को इसका श्रेय जाता है कि टीका लेने के मामले में भारत को विकसित देशों की तुलना में कम हिचकिचाहट का सामना करना पड़ा है।

आज तक केवल कुछ चुनिंदा देशों ने ही अपने स्वयं के टीके विकसित किए हैं। 180 से भी अधिक देश टीकों के लिए जिन उत्पादकों पर निर्भर हैं, वे बेहद सीमित संख्या में हैं। यही नहीं, जहां एक ओर भारत ने 100 करोड़ खुराक का अविश्वसनीय या जादुई आंकड़ा सफलतापूर्वक पार कर लिया है, वहीं दूसरी ओर दर्जनों देश अब भी अपने यहां टीकों की आपूर्ति की बड़ी बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे हैं! इसका श्रेय भारतीय वैज्ञानिकों और उद्यमियों को दिया जाना चाहिए, जिन्होंने इस चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उनकी उत्कृष्ट प्रतिभा और कड़ी मेहनत की बदौलत ही भारत टीकों के मामले में ‘आत्मनिर्भर’ बन गया है।

भारत जैसे विशाल आबादी वाले देश में सिर्फ उत्पादन करना ही काफी नहीं है। इसके लिए अंतिम व्यक्ति तक को टीका लगाने और निर्बाध लॉजिस्टिक्स पर भी फोकस होना चाहिए। इसमें निहित चुनौतियों को समझने के लिए जरा इसकी कल्पना करें कि टीके की एक शीशी को आखिरकार कैसे मंजिल तक पहुंचाया जाता है। पुणे या हैदराबाद स्थित किसी दवा संयंत्र से निकली शीशी को किसी भी राज्य के हब में भेजा जाता है, जहां से इसे जिला हब तक पहुंचाया जाता है।

फिर वहां से इसे टीकाकरण केंद्र पहुंचाया जाता है। इसमें विमानों की उड़ानों और ट्रेनों के जरिये हजारों यात्राएं सुनिश्चित करनी पड़ती हैं। टीकों को सुरक्षित रखने के लिए इस पूरी यात्रा के दौरान तापमान को एक खास रेंज में बनाए रखना होता है, जिसकी निगरानी केंद्रीय रूप से की जाती है। इसके लिए एक लाख से भी अधिक शीत-शृंखला (कोल्ड-चेन) उपकरणों का उपयोग किया गया। राज्यों को टीकों के वितरण कार्यक्रम की अग्रिम सूचना दी गई थी, ताकि वे अपने अभियान की बेहतर योजना बना सकें और टीके पूर्व-निर्धारित तिथि को ही उन तक सफलतापूर्वक पहुंच सकें। अत: स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह निश्चित रूप से एक अभूतपूर्व प्रयास रहा है।

इन सभी प्रयासों को कोविन के एक मजबूत तकनीकी मंच से जबर्दस्त मदद मिली। इसने यह सुनिश्चित किया कि टीकाकरण अभियान न्यायसंगत, मापनीय, ट्रैक करने योग्य और पारदर्शी बना रहे। इसने यह भी सुनिश्चित किया कि एक गरीब मजदूर अपने गांव में पहली खुराक ले सकता है और उसी टीके की दूसरी खुराक तय समय अंतराल पर उस शहर में ले सकता है, जहां वह काम करता है।

2015 में स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में मैंने कहा था कि हमारा देश ‘टीम इंडिया’ की वजह से आगे बढ़ रहा है और यह 130 करोड़ लोगों की एक बड़ी टीम है। जनभागीदारी लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है। यदि हम 130 करोड़ भारतीयों की भागीदारी से देश चलाएंगे, तो देश हर पल 130 करोड़ कदम आगे बढ़ेगा। हमारे टीकाकरण अभियान ने फिर इस ‘टीम इंडिया’ की ताकत दिखाई है।

टीकाकरण अभियान में भारत की सफलता ने दुनिया को दिखाया है कि ‘लोकतंत्र हर उपलब्धि हासिल कर सकता है।’ मुझे उम्मीद है कि दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान में मिली सफलता हमारे युवाओं, शोधकर्ताओं और सरकार के सभी स्तरों को सार्वजनिक सेवा वितरण के नए मानक स्थापित करने के लिए प्रेरित करेगी, जो न केवल हमारे देश के लिए बल्कि दुनिया के लिए भी एक मॉडल होगा।

Related Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...

सीएम शिंदे को लिखा पत्र, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कहा – अंधविश्वास फैलाने वाले व्यक्ति का राज्य में कोई स्थान नहीं

बागेश्वर धाम के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का महाराष्ट्र में दो दिवसीय कथा वाचन कार्यक्रम आयोजित होना है, लेकिन इसके पहले ही उनके...

IND vs SL Live Streaming: भारत-श्रीलंका के बीच तीसरा टी20 आज

IND vs SL Live Streaming भारत और श्रीलंका के बीच आज तीन टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज का तीसरा व अंतिम मुकाबला खेला जाएगा।...

पिनाराई विजयन सरकार पर फूटा त्रिशूर कैथोलिक चर्च का गुस्सा, कहा- “नए केरल का सपना सिर्फ सपना रह जाएगा”

केरल के कैथोलिक चर्च त्रिशूर सूबा ने केरल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि उनके फैसले जनता के लिए सिर्फ मुश्कीलें खड़ी...

अभद्र टिप्पणी पर सिद्धारमैया की सफाई, कहा- ‘मेरा इरादा CM बोम्मई का अपमान करना नहीं था’

Karnataka News कर्नाटक में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि सीएम मुझे तगारू (भेड़) और हुली (बाघ की तरह) कहते हैं...

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
136,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...