संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट का कहना है कि दक्षिणी सूडान की सेना से जुड़े लड़ाकों को वेतन के बदले महिलाओं का बलात्कार करने की इजाज़त दी जाती है ! रिपोर्ट के मुताबिक़ एक जांच में पता चला है कि दक्षिणी सूडान के यूनिटी राज्य में पिछले साल 1,300 महिलाओं का बलात्कार किया गया !
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार आयुक्त ज़ैद राद अल हुसैन का कहना है कि दक्षिणी सूडान में जितने बड़े पैमाने पर यौन हिंसा होती है वो दुनिया में सबसे जघन्य मानवाधिकारों के हनन में शामिल है ! एक महिला ने बताया कि उसकी आंखों से सामने उनके पति को मौत के घाट उतार दिया गया और फिर उनकी 15 साल की बेटी के साथ 10 सैनिकों ने बलात्कार किया !
संयुक्त राष्ट्र ने बताया कि सेना आम लोगों की हत्याएं और बलात्कार करती है जो युद्ध अपराध के बराबर है ! वहीं दक्षिणी सूडान की सरकार ने इन आरोपों से इनकार किया है कि उसकी सेना आम लोगों को निशाना बनाती है, लेकिन उसका कहना है कि इस मामले में जांच हो रही है !
संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार शाखा ने रिपोर्ट में बताया गया है बच्चों और विकलांगों को भी नहीं बख्शा गया ! विपक्ष को समर्थन देने के संदेह में सैनिक बच्चों और विकलांगों समेत आम नागरिकों को जिंदा जला दिया जाता है ! माल लादने वाले कंटेनर के दमघोंटू वातावरण में बंद कर दिया जाता है, पेडों से लटका दिया जाता है और टुकड़े टुकड़े कर दिया जाता है !
राष्ट्रपति सल्वा कीर के एक प्रवक्ता एटेनी वे एटेनी ने बीबीसी को बताया, “हम नियमों के अनुसार काम करते हैं !” संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़ाके ‘जो कर सकते हो करो, जो ले जा सकते हो ले जाओ’ समझौते के तहत काम करते हैं और यही समझौता उन्हें वेतन के बदले महिलाओं और लड़कियों को साथ ले जाने और उनका बलात्कार करने की इजाज़त देता है ! रिपोर्ट के मुताबिक़ लड़ाके आम लोगों के मवेशी और निजी संपत्ति भी ले जाते हैं !
गृह युद्ध के हालात
दक्षिणी सूडान में दिसंबर 2013 में गृह युद्ध शुरू हुआ जब राष्ट्रपति कीर ने अपने उपराष्ट्रपति रीक माशर को पद से हटा दिया था और उन पर तख्तापलट की कोशिशें करने का आरोप लगाया। माशर ने इन आरोपों से इंकार किया लेकिन तभी से उन्होंने सरकार से लड़ने के लिए एक विद्रोही सेना बना ली। तब से दोनों गुटों के संघर्ष में दसियों हजार लोग मारे गए हैं और बीस लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं।
[इंटरनेट डेस्क]