जयपुर – राजस्थान के नागौर जिले के डांगवा और उसके आस-पास के गांवों के सैकड़ों दलित परिवारों में दहशत का माहौल है। इस इलाके में 3 दलितों को ट्रैक्टर से कुचले जाने से हुई मौत के बाद यहां के दलित अपनी जान बचाने के लिए घर छोड़कर चले गए हैं।
माना जाता है कि इस इलाके में जाट समुदाय के लोग खासा असर रखते हैं और स्थानीय सूत्रों का कहना है कि दलितों को ट्रैक्टर से कुचले जाने की घटना के पीछे उन्हीं का हाथ है।
इस घटना में दर्जनों अन्य लोग घायल भी हो गए हैं। बताया जाता है कि इसके पीछे वजह दशकों पुराना एक भूमि विवाद है। गुरुवार को दलित समुदाय के लोगों की तरफ से की गई गोलीबारी में रसूखदार तबके के एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
जयपुर से 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित डांगवा में सुरक्षा व्यवस्था के इंतजामों के मद्देनजर भारी तादाद में पुलिस बलों की तैनाती की गई है ताकि मारे गए दलितों की अंत्येष्टि हो सके।
दलितों का कई तरीके से उत्पीड़न किए जाने के बाद भी अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। दलित परिवारों के कई लोग अलग अलग अस्पतालों में अपना इलाज करवा रहे हैं।
डांगवा की 6 दलित महिलाएं अजमेर के एक अस्पताल में अपना इलाज करवा रही हैं, बताया जाता है कि हमलावरों ने उनके साथ बदसलूकी की थी। शुक्रवार को सैकड़ों सशस्त्र हमलावर मेरता सिटी के उस अस्पताल में पहुंच गए जहां दलितों का इलाज किया जा रहा था। लोगों ने बताया कि हमलावर डॉक्टरों को दलितों का इलाज करने से रोकना चाहते थे।
पुलिस SP ने बताया कि इस इलाके में भूमि विवाद 1964 से ही चला आ रहा है। घटना के सिलसिले में कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है और जल्द ही अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।