खंडवा। आधुनिकता के दौर में बुढ़ापे में बच्चे अपने माता-पिता को वृद्ध आश्रम में छोड़ जा रहे हैं, ऐसे में एक परिवार ने नजीर पेश की है और परिवार के 94 साल के बुजुर्ग सदस्य का 94 दीपक जलाकर जन्मदिन मनाया. साथ ही बच्चों ने अपने पिता की इच्छा के अनुरूप जिले के आशाधाम में गरीबों को भोजन कराया और कंबल भी बांटे.
जिले के सातले परिवार ने आज अपने परिवार के सबसे उम्रदराज मुखिया हुकुमचंद सातले का 94वां जन्मदिन मनाया. इस दिन को यादगार बनाने और अपने पिता की इच्छा पूरी करने के लिए बेटे-बेटियों के साथ ही पूरे परिवार ने आशाधाम में गरीब दिव्यांगों को भोजन कराया, साथ ही गरीबों को कंबल भी बांटे.ये परिवार समाज को संदेश दे रहा है कि बुढ़ापे में माता-पिता का सहारा बच्चे नहीं बनते और उन्हें वृद्धाश्रम में छोड़ देते हैं, जोकि गलत है. ऐसे में उम्र की इस दहलीज पर बूढ़े माता-पिता की इच्छाओं का ध्यान रखते हुए उन्हें खुश रखना चाहिए.