जयपुर- जयपुर में बहुप्रतीक्षित मेट्रो ट्रेन तीन जून से अपना सफर शुरू करेगी। मेट्रो परियोजना के पहले रूट के तहत यह ट्रेन जयपुर के मानसरोवर क्षेत्र से चांदपोल गेट के बीच 9.7 किमी की दूरी तय करेगी। अपने चुनावी भाषणों में मेट्रो को फिजूलखर्च बताती रहीं मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ही तीन जून को इसे हरी झंडी दिखाएंगी।
जयपुर में मेट्रो परियोजना पिछली कांग्रेस सरकार के समय शुरू की गई और बडा राजनीतिक व चुनावी मुद्दा रही। लगभग 2023 करोड रूपए लागत की यह मैट्रो ट्रेन परियोजना 2011 में शुरू हुई थी चार साल में दौडने के लिए तैयार हो गई है। यह परियोजना श्रीधरन की देख-रेख में ही शुरू हुई थी। अब इसके पहले रूट का दूसरे चरण का काम जयपुर के एतिहासिक परकोटा क्षेत्र में चल रहा है।
काग्रेस सरकार के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने कार्यकाल के दौरान इस बात का पूरा प्रयास किया था कि उनके समय में ही मेट्रो चल जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया और सुरक्षा जांच तथा अन्य औपचारिकताएं पूरी करते-करते यह मेट्रो अब 2015 मे शुरू हो रही है।
हालांकि गहलोत ने अपने कार्यकाल में ही चुनाव से ऐन पहले इसका टेस्ट रन करवा लिया था और जयपुर के लोगों को मेट्रो ट्रेन चलवा कर दिखा दी थी, इसके बावजूद विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जयपुर में एक भी सीट नहीं मिल पाई।
उधर मौजूदा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शुरू से इसका विरोध करती रही हैं और उनका मानना रहा है कि जयपुर में मेट्रो की फिलहाल जरूरत नहीं थी और जितना पैसा इस परियोजना पर खर्च किया गया, उससे प्रदेश में सडकों और पुलों के कई विकास कार्य कराए जा सकते थे।
हालांकि इसके बावजूद उन्होंने इसके दूसरे चरण का काम जारी रखा और इसके पीछे मजबूरी यह बताई कि इस परियोजना पर हुए खर्च को तर्कसंगत और उपयोगी बनाने के लिए इसके दोनों चरण पूरे करने जरूरी है। बहरहाल तमाम राजनीतिक खींचतान के बीच जयपुर के लोग तीन जून से मेट्रो ट्रेन के सफर का आनंद ले सकेंगे। एजेंसी