नई दिल्ली – म्यांमार की सीमा में भारतीय सेना की कार्रवाई से घबराकर आतंकी संगठन सीमा से करीब 70 किमी अंदर चले गए हैं। म्यांमार में भारतीय सेना के ऑपरेशन में करीब 20 आतंकियों को मारने के दो हफ्तों बाद सीमा पर गतिविधियां कम हो गई हैं।
NSCN(K) जैसे हथियारबंद संगठन अपने कैंपों को म्यांमार की सीमा से करीब 70 किमी भीतर ले गए हैं। जानकारी के मुताबिक इनमें 4 जून को भारतीय सेना के काफिले पर हमला कर 18 जवानों की जान लेने वाले साजिशकर्ता भी शामिल हैं। 1993 के बाद से पहली बार भारतीय सेना को इतना बड़ा नुकसान पहुंचा था।
निकट भविष्य में म्यांमार के साथ मिलकर इन संगठनों को फिर से खदेड़ने की भी कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। इसके अलावा सीमा के इतने भीतर ऐसी कार्रवाई की भी अपनी मुश्किलें हैं। इसके अलावा हालिया ऑपरेशन के बाद भारतीय राजनेताओं की खुद की तारीफ से भी म्यांमार खुश नहीं है।
म्यांमार की सरकार के सूत्रों के मुताबिक भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक पर भारत सरकार के मंत्रियों के बयानों से पड़ोसी देश आहत हुआ है। सूत्रों के मुताबिक म्यांमार को लग रहा है कि सीमा पार ऑपरेशन पर भारत के दिए गए ऐसे बयानों से उसे अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में शर्मिंदगी महसूस करनी पड़ी है। सूत्रों के मुताबिक अब म्यांमार कुछ समय के लिए भारत के साथ ऐसे जॉइंट ऑपरेशन की गति धीमी करना चाहता है।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने रॉ के विश्वस्त सूत्रों के हवाले से कहा कि उग्रवादी संगठनों ने भी एक महीने तक चुप्पी साधने और कोई बड़ी गतिविधि न करने का मन बनाया हुआ है। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि इस हमले का बदला लेने के लिए ये संगठन कड़े कदम उठा सकते हैं। इसके लिए पूर्वोत्तर राज्यों में तैनात सैनिकों को चेतावनी दी गई है कि उन पर छुट्टी के दिन घर पर भी हमला हो सकता है।