नई दिल्ली – मालेगांव धमाके से जुड़ी विशेष सरकारी वकील रोहिणी सालियन ने चौंकाने वाला दावा किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि केंद्र में नई सरकार बनने के बाद से उस पर आरोपियों के प्रति नरम रुख अख्तियार करने का दबाव डाला जा रहा है।
मालेगांव में साल 2008 में रमजान के दौरान हुए ब्लास्ट में मुस्लिम समुदाय के 4 लोग मारे गए थे। अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित एक खबर के अनुसार, इस मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह सहित अन्य चरमपंथियों पर धमाके कराने का आरोप है। जांच एजेंसी ने उन्हें इस केस के आरोपियों के प्रति नरमी बरतने को कहा है।
इस मामले में सरकारी वकील रोहिणी ने बताया कि बीते एक साल से जब से नई सरकार सत्ता में आई है, तब से राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से उन पर दबाव बनाया जा रहा है। वह इससे पहले जेजे शूटआउट, बोरीवली डबल मर्डर, भरत शाह और मुलुंद ब्लास्ट सहित कई अहम मामलों की सुनवाई की है।
रोहिणी ने कहा कि एनडीए सरकार बनने के बाद उन्हें एनआईए के एक अधिकारी का फोन आया। जब रोहिणी ने फोन पर केस की बात करने से इनकार कर दिया, तो अधिकारी ने उनसे मिलकर बताया कि उन्हें आरोपियों के प्रति नरम रुख अपनानी चाहिए।