मुंबई- आखिरकार विवादित इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाईक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सबसे सामने आ गए। मुंबई के मझगांव में आयोजित की गई इस वीडियो कांफ्रेंस में सउदी अरब से स्काइप के जरिए नाईक अपनी बात कह रहे हैं। अपनी बात शुरू करते ही नाईक ने ये कहा कि वो हर आतंकी हमलों की कड़ी निंदा करते हैं। वहीं आतंकी कनेक्शन पर नाईक ने कहा कि वो एक शांतिदूत हैं।
स्काइप के जरिए हो रही वीडियो कांफ्रेंसिंग में नाईक ने अपनी सफाई पेश करते हुए कहा कि ढाका आतंकी हमलों के बाद से भारत में उनका मीडिया ट्रायल हो रहा है। उनके पूरे बयान नहीं दिखाए जा रहे हैं। उनको गलत साबित किया जा रहा है। नाईक ने कहा कि वो शांति के दूत है। वो हर आतंकी हमले की निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि वो ये मानते हैं कि बेकसूर लोगों पर हमले नहीं होने चाहिएं। नाईक ने कहा कि उनके भाषण से किसी आतंकी को कोई प्रेरणा नहीं मिली है।
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए नाईक ने कहा कि बेकसूरों की हत्या को इस्लाम में हराम माना गया है। आत्मघाती हमला भी इस्लाम में हराम माना गया है। हालांकि, देशहित में किया गया आत्मघाती हमले को नाईक ने जायज बताया। वहीं जान बचाने के लिए शराब पीना भी नाईक ने जायज बताया।
नाइक अपने भड़काऊ भाषणों को लेकर विवादों में है। बांग्लादेश के ढाका में आतंकी हमला करने वालों को जाकिर नाइक के भाषणों से प्रेरित बताया गया था।
बता दें कि जाकिर नाइक ने वीडियो जारी कर अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया था । इस वीडियो के माध्यम से नाइक ने भारतीय मीडिया के तथ्यों की जांच को लेकर चैलेंज किया । साथ ही कहा कि बांग्लादेश सरकार ने उन्हें घटना के लिए दोषी नहीं माना।
वीडियो के जरिए बयान में जाकिर ने कहा , ‘भारतीय मीडिया बांग्लादेश के साथ तथ्यों की जांच नहीं करती। मैं मीडिया को चैलेंज करता हूं कि वह बांग्लादेश सरकार के आधिकारिक बयान को सामने रखे। मैंने बांग्लादेश के अधिकारियों से बात की. उन्होंने कहा कि वह यह नहीं मानते कि आतंकियों को मुझसे प्रेरणा मिली।
उन्होंने आगे कहा, ‘यह एक अलग बात हो सकती है कि आतंकी मेरे फैन हों। लेकिन इससे यह साबित नहीं होता कि निर्दोष लोगों की हत्या करने के लिए मैंने उन्हें प्रेरित किया.’ जाकिर नाइक ने इसके साथ ही प्रमुख अखबार ‘डेली स्टार’ का नाम लेते हुए कहा कि सबसे पहले यह खबर इसी अखबार ने छापी कि जाकिर नाइक ने आतंकियों को लोगों की हत्या के लिए प्रेरित किया।
जाकिर ने कहा, ‘अखबार ने खबर को मसाला लगाकर पेश किया, जिसके बाद भारतीय मीडिया ने इस खबर को बिना जांच और पड़ताल के चलाना शुरू कर दिया। इसलिए मैं भारतीय मीडिया को चैलेंज करता हूं कि वह बांग्लादेश सरकार की ओर से जारी ऐसा कोई बयान दिखाए जिसमें कहा गया है कि मैंने आतंकियों को प्रेरित किया। ‘
मुस्लिम धर्म प्रचारक ने आगे लिखा है कि मीडिया में उनके बारे में गलत खबरें आईं कि उन्हें मलेशिया के साथ ही दूसरे देशों में भी बैन किया गया है। जाकिर नाइक ने कहा, ‘मुझे मलेशिया में बैन नहीं किया गया। मैं वहां तीन महीने पहले ही वहां गया था. अगर थोड़ी रिसर्च कर लेते तो पता चल जाता कि 2013 में मुझे मलेशिया के प्रधानमंत्री ने सर्वोच्च सम्मान से नवाजा। ‘
उन्होंने आगे कहा है, ‘क्या आपको लगता है कि मलेशिया की खुफिया एजेंसी और सरकार एक ऐसे आदमी को अवॉर्ड देगी जो आतंकवाद को बढ़ावा देता है। हिंदू संगठन मुझे मलेशिया में पसंद नहीं करते, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है कि मैं वहां बैन किया गया हूं। ‘ जाकिर नाइक ने कहा कि इंग्लैंड में भी उनके ऊपर बैन नहीं है। [एजेंसी]