मुंबई- इस्लामिक धर्मगुरु जाकिर नाइक के एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) ने शुक्रवार (9 सितंबर) को एक बड़ा खुलासा किया है। IRF के मुताबिक, उसने राजीव गांधी फाउंडेशन (RGF) को 50 लाख रुपए की डोनेशन दी थी। यह डोनेशन 2011 में दी गई थी।
वहीं अपने बचाव में RGF का कहना है कि पैसा उन्हें नहीं बल्कि उनके साथी संगठन राजीव गांधी चैरीटेबल ट्रस्ट (RGCT) को दिया गया था। इसके साथ ही RGF ने यह भी कहा है कि वह पैसा कुछ महीने पहले ही लौटा भी दिया गया था। वहीं IRF अपनी बात पर अब भी कायम है कि उसने पैसे RGF को ही दिए थे और वह किसी चैरेटेबल ट्रस्ट के लिए नहीं थे। IRF का यह भी कहना है कि उन्हें पैसे अबतक वापस भी नहीं मिले हैं। IRF के प्रवक्ता ने कहा, ‘हो सकता है कि वह पैसा वापस करने वाले हों लेकिन हमें अबतक पैसा मिला नहीं है।’
प्रवक्ता ने कहा, ‘हम लोगों ने RGF को 2011 में 50 लाख रुपए दिए थे। हम लोग RGF जैसे कई एनजीओ को पैसा देते हैं जो लड़कियों को पढ़ाने का काम करते हैं। ये पैसा मेडिकल, सर्जरी जैसी पढ़ाई करने वाली लड़कियों के लिए होता है।’ RGCT को सोनिया गांधी, उनके बच्चे राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा द्वारा बनाया गया था। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी RGCT से जुड़े हैं। ये सभी लोग RGF के ट्रस्टी भी हैं।
यह बातें अब जांच के दौरान सामने आई है। पिछले महीने केंद्र सरकार ने जाकिर नाईक के एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) को मिलने वाली फंडिंग की जांच के आदेश दे दिए थे। सरकार ने यह आदेश उस बात के सामने आने के बाद दिया था जिसमें पता लगा था कि बांग्लादेश के ढाका में हमला करने वाले लड़के जाकिर नाईक से प्रेरित थे। जाकिर नाईक के संगठन पर आरोप है कि उसे विदेश से पैसा मिलता है जिसका इस्तेमाल राजनीतिक गतिविधियों और युवाओं को आतंक की तरफ खींचने के लिए किया जाता है। [एजेंसी]