25.1 C
Indore
Friday, November 22, 2024

धर्म दर्शन – चीन में हवा में खड़ा है मंदिर

temple in  china

यह सर्वविदित है कि मंदिर और मठ आम तौर पर जमीन पर बनाये गए हैं , लेकिन उत्तर चीन के शानसी प्रांत में एक ऐसा मंदिर देखने को मिलता है , जो सीधी खड़ी पहाड़ी चट्टार पर बनाया गया है और दूर से देखने में लगता है , मानो वह हवा में अटका हुआ मंदिर हो । इसलिए यह मंदिर हवा में खड़े मंदिर के नाम से चीन भर में मशहूर है । हवा में खड़ा यह मंदिर शानसी प्रांत के ताथुंग शहर के निकट स्थित है , जिस का निर्माण आज से 1400 साल पहले हुआ था । वह चीन में अब तक सुरक्षित एकमात्र बौध , ताऔ और कम्फ्युसेस त्रिधर्मों की मिश्रित शैली में निर्मित अनोखा मंदिर है ।

चीन के बड़ी संख्या में सुरक्षित प्राचीन वास्तु निर्माणों में हवा में खड़ा मंदिर एक अत्यन्त अद्भुत निर्माण है , वह घनी पहाड़ी घाटी में फैले एक छोटा सा बेसिन में स्थित है , घाटी की दोनों ओर सौ मीटर ऊंची ऊंची चट्टानें सीधी खड़ी हैं , मंदिर एक तरफ की खड़ी चट्टान पर जमीन से 50 मीटर की ऊंची जगह पर बनाया गया है , जो हवा में अटका सा दिखता है । दूर से देखने पर बहु मंजिला मंदिर का तल्लाधार दसेक पतली लम्बी लकड़ियों पर टिका हुआ खड़ा है , मंदिर के ऊपर पहाड़ी चट्टान का एक विशाल टुकड़ा बाहर की ओर बढ़ा हुआ है , मानो वह अभी मंदिर पर गिर जाए , अभी गिर जाए , जो डरावना नजारा देता है । हवा में खड़े मंदिर के छोटे बड़े 40 भवन व मंडप हैं , जिन्हें चट्टान पर गड़े हुए लकड़ी के सैतुओं से जोड़ा गया है , इस प्रकार के हवा में निर्मित लकड़ी के रास्ते पर चलते हुए लोगों की सांस गले पर आ जाती है , किसी को जरा सी लापरवाही करने का साहस नहीं है , बराबर डर साथ रहता है कि कहीं यह मंदिर नीचे गहरी घाटी में ढह कर तो न गिर जाए । किन्तु पांव के दबाव से लकड़ी का रास्ता ची-ची की आवाज जरूर देती है , पर चट्टान पर सटा मंदिर में जरा भी हिलकोर नहीं आता है ।

हवा में खड़ा मंदिर का निर्माण काम वाकई अनोखा है । मंदिर सीधी खड़ी चट्टान के कमर पर अटका सा खड़ा है , उस के ऊपर चट्टान का बाहर की ओर बढ़ा निकला हुआ विशाल टुकड़ा एक विशाल छाता की भांति मंदिर को वर्षा और पानी से क्षति पहुंचाने से बचा देता है , जमीन से 50 मीटर ऊंजी जगह खड़ा होने से मंदिर पहाड़ी घाटी में आने वाली बाढ़ से भी बच सकता है । मंदिर की चारों ओर घिरी पहाड़ी चोटियां उसे तेज धूप से भी बचा सकती हैं । कहा जाता है कि गर्मियों के दिन भी रोज महज तीन घंटों तक सुरज की किरणें मंदिर पर पड़ सकती है । इसी के कारण लकड़ी का यह मंदिर 1400 साल पुराना होने पर भी आज वह अच्छी तरह सुरक्षित रहा है ।

हवा में खड़ा मंदिर की विशेषता यह है कि वह हवा में अटका सा अवस्थित होता है । लोग समझते हैं कि मंदिर उस के नीचे टेके दर्जन प्याला जितना मोटी लकड़ियों पर टिका हुआ है , लेकिन असलियत दूसरी है कि उन लकड़ियों पर मंदिर का भार नहीं पड़ा है, मंदिर को मजबूत टेका जाने में चट्टान के अन्दर गड़े कड़ी गुणवता वाली लकड़ी के धरनों का पूरा काम आता है । चौकोण धरनें गहरे गहरे पत्थर के अन्दर पैठा कर दी गई हैं , विशेष तेल से सिंचित काष्ठ धरनें न दीमक से डरती है , न सड़ गल जाती है । मंदिर का तल्ला इसी प्रकार की मजबूत धरनों पर रखा गया है । फिर भी मंदिर के नीचे जो दर्जन लकड़ी टेकी हुई हैं , उस का भी काम आता है , यानी वे समूचे मंदिर के विभिन्न भागों को संतुलित बनाती हैं ।

temple china

हवा में खड़ा मंदिर की संरचना बहुत सुयोजित और सुक्ष्म है । मंदिर के विभिन्न भाग पहाड़ी चट्टान की प्राकृतिक स्थिति के अनुरूप बनाये गए है , जिन के डिजाइन सुक्ष्म और अनूठा है । मंदिर का मुख्य भवन त्रिदेव महल पहाड़ी चट्टान की विशेषता को ध्यान में रख कर बनाया गया , महल के अग्रिम भाग में लकड़ी का मकान है और पीछे का भाग चट्टान के अन्दर खोदी गई गुफा में है , इस से देखने में त्रिदेव महल बहुत खुला और विशाल लगता है । मंदिर के दूसरे भवन व मंडप अपेक्षाकृत छोटा है और उन के भीतर विराजमान मुर्तियां भी छोटी दिखती है । मंदिर के भवन , महल और मंडप ऐसा निर्मित हुए , उन के भीतर प्रवेश कर मानो किसी भूलभूलैया में घुस गया हो ।

तो आप पूछ सकते हैं कि प्राचीन चीनियों ने क्यों यहां सीधी खड़ी चट्टान पर यह मंदिर बनाया था , कारण यह था कि तत्काल में यहां की पहाड़ी घाटी यातायात की एक प्रमुख मार्ग था , यहां से भिक्षु और धार्मिक अनुयायी जब गुजरते थे , वे मंदिर में आराधना कर सकते थे । दूसरा कारण यह था कि यहां की पहाड़ी घाटी में बाढ़ हुआ करती थी , प्रातीन चीनी लोग मान कर चलते थे कि ड्रैगन बाढ़ का प्रकोप मचाता है , यदि यहां एक मंदिर बनाया गया , तो वह ड्रैगन को वशीभूत कर सकता है । सो हवा में खड़ा मंदिर अस्तित्व में आ गया ।

हवा में खड़ा मंदिर के पास चट्टान पर कोंगसु का अतूल्य काम चार चीनी शब्द खुदे नजर आता है , जो इस मंदिर की अनूठी वास्तु कला की सराहना करता है । कोंगसु आज से दो हजार से ज्यादा साल पहले प्राचीन चीन का एक सुप्रसिद्ध शिल्पी था , वह चीन के वास्तु निर्माण उद्योग का सर्वमान्य गुरू था । हवा में खड़ा मंदिर के पास जो चार चीनी अक्षर खोदे गए थे , इस का अर्थ यह है कि महज कोंगसु जैसे वास्तु कला के गुरू से ही ऐसा बेमिसाल मंदिर बनाया जा सकता है । -Source –  china.com

Related Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...

सीएम शिंदे को लिखा पत्र, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कहा – अंधविश्वास फैलाने वाले व्यक्ति का राज्य में कोई स्थान नहीं

बागेश्वर धाम के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का महाराष्ट्र में दो दिवसीय कथा वाचन कार्यक्रम आयोजित होना है, लेकिन इसके पहले ही उनके...

IND vs SL Live Streaming: भारत-श्रीलंका के बीच तीसरा टी20 आज

IND vs SL Live Streaming भारत और श्रीलंका के बीच आज तीन टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज का तीसरा व अंतिम मुकाबला खेला जाएगा।...

पिनाराई विजयन सरकार पर फूटा त्रिशूर कैथोलिक चर्च का गुस्सा, कहा- “नए केरल का सपना सिर्फ सपना रह जाएगा”

केरल के कैथोलिक चर्च त्रिशूर सूबा ने केरल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि उनके फैसले जनता के लिए सिर्फ मुश्कीलें खड़ी...

अभद्र टिप्पणी पर सिद्धारमैया की सफाई, कहा- ‘मेरा इरादा CM बोम्मई का अपमान करना नहीं था’

Karnataka News कर्नाटक में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि सीएम मुझे तगारू (भेड़) और हुली (बाघ की तरह) कहते हैं...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
136,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...