डिंडोरी- देश में नोट बंदी का असर बड़े पैमाने में दिखाई दिया। दिन और रात लबी कतारों में खड़े होकर लोगो ने बेंको में अपनी खून पसीने से कमाई का पैसा जमा किया लेकिन बैंकों में जमा पैसा वापस किसी का नहीं हुआ। लेकिन मध्य प्रदेश डिंडोरी में उस वक्त एक महिला खाता धारक के हौश उड़ गए। जब तीन माह पहले जमा किये पैसे को बैंक ने पुराने 1000 और 500 रु के नोट के साथ वापस कर दिया।
मामला है डिंडोरी सेंट्रल बैंक का जहाँ एक किसान महिला को पचास हजार के पुराने नोट लगभग तीन माह बाद बुलाकर वापस कर दिए। बैंक के मैनेजर ने कारण बताया कि पेन कार्ड न होने की वजह से पैसे वापस किये गए है। पैसा पुनः जमा करने के लिए महिला मैया बाई ने कई बार मिन्नते की हाथ पाँव जोड़े लेकिन बैंक से कोई जवाब नहीं मिला। उसके पास अब रिज़र्व बैंक जाने के अलावा कोई रास्ता नज़र नहीं आ रहा था। लेकिन जब खबर मीडिया को लगी तो बैंक के प्रबंधक से सवालो की झड़ी लगी और सुचना लापरवाही की पुलिस की दी गई। तब जाकर मिडिया और पुलिस के हस्तक्षेप के बाद बैंक प्रबंधन ने पुराने नोट वापस लेकर किसान महिला के खाते में जमा करा दिया है।
देश के प्रधानमंत्री ने 08 नवम्बर को नोटबंदी का एलान किया तो देश में पैसे जमा करने की होड़ लग गयी और विक्रमपुर गांव की किसान मैया बाई ने भी अपनी मेहनत की पूजी लगभग पचास हजार लेकर सेन्ट्रल बैंक डिंडौरी पहुची और 10 नवम्बर को अपने बेटे संदीप सिंह मरावी खाता में पचास हजार जमा कर दिए। बैंक ने जमा पर्ची भी दी। मैया बाई ने 10000 के 27 नोट और 500 के 46 नोट बैंक में जमा किये फिर बैंक प्रबन्धन ने 03 दिसम्बर को संदीप मरावी के नाम से नोटिस जारी किया कि पेन कार्ड न होने की वजह से आपके पैसे जमा नहीं हो पा रहे है। लेकिन सूचना मैया बाई तक नहीं पहुची और जब मैया बाई 07 फरवरी को बैंक पहुची खाता की जानकारी लेने तो पैसे नहीं थे। उसने शाखा प्रबन्धक को जानकारी दी और आज जब जमा पर्ची लेकर पहुची तो बैक ने उसे पचास हजार के पुराने नोट वापस कर दिये। मीडिया और पुलिस के पहुचते ही आनन फानन में बैंक प्रबन्धक ने महिला से पचास हजार के पुराने नोट जमा करा कर उसके खाते में पैसे जमा करा दिये है।
रिपोर्ट- @दीपक नामदेव