लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की एक रिपोर्ट में खुलासा हुई है कि रेप के आरोप में जेल की हवा खाने वाले यूपी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को जमानत देने के लिए 10 करोड़ की डील हुई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस पूरी डील में एक वरिष्ठ जज भी शामिल थे।
दरअसल प्रजापति को मामले में जमानत मिलने के बाद विवाद शुरू हो गया था और इसके चलते अदालत ने इसकी जांच के आदेश दिए थे। रिपोर्ट में बेहद संवेदनशील मामलो की सुनवाई करने वाली अदालतों के जजों द्वारा भ्रष्टाचार किए जाने की की बात भी कही गई है। इसमें रिपोर्ट में गायत्री प्रजापति को जमानत देने वाले जज ओपी मिश्रा की पॉस्को जज के रूप में तैनाती पर सवाल उठाया गया है।
इसमें कहा गया है कि राठौर की तैनाती खत्म कर उनकी जगह तीन सप्ताह बाद रिटायर हो रहे राठौर को जज बनाया गया। इसका कोई उचित कारण नहीं था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि प्रजापति को जमानत देने के लिए 10 करोड़ दिए गए थे जिसमें से आधे मध्यस्थता कर रहे वकीलों को मिले और बाकी केस की सुनवाई कर रहे जजों को दिए गए।