आंध्र प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी नेता के हरि बाबू ने अपना इस्तीफा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भेजा है।
दरअसल यह कहा जा रहा है कि आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम पार्टी से गठबंधन टूटने के बाद भाजपा अब यहां नई रणनीति के तहत पार्टी को मजबूत करने में जुटी है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के हरि बाबू का इस्तीफा भी इसी रणनीति का हिस्सा है।
गठबंधन टूटने के बाद 2019 के चुनाव में पार्टी को यहां टीडीपी से कड़ी टक्कर मिलेगी। भाजपा टीडीपी को कड़ी टक्कर देने के लिए आक्रामक रणनीति अपनाने पर विचार कर रही है।
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक नए अध्यक्ष पद की रेस में एमएलसी सोमू वीरराजू का नाम सबसे आगे है। इनके अलावा पूर्व मंत्री और पार्टी नेता पी मानिकला राव, काना लक्ष्मीनारायण और डी पुरंदारेश्वरी का नाम भी इस पद की रेस में शामिल है।
सोमू वीरराजू और पी मानिकला राव कापू समुदाय से आते हैं, लिहाजा इन दोनों में से ही किसी के अध्यक्ष बनने की संभावना सबसे ज्यादा है।
पार्टी के भीतरखाने से एक ख़बर यह भी है कि पार्टी नेतृत्व आंध्र प्रदेश इकाई के कामकाज से खुश नहीं था। खास तौर से हाल ही में आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने को लेकर तेलुगु देशम पार्टी के साथ हुए विवाद और फिर आखिरकार टीडीपी के पार्टी से अलग हो जाने के दौरान आंध्र प्रदेश राज्य ईकाई की रणनीतियों को लेकर शीर्ष नेतृत्व खुश नहीं था।
टीडीपी के अलग हो जाने के बाद से ही राज्य इकाई में परिवर्तन की सुगबुगाहट शुरू हो गई थी। खबर है कि विशाखापटनम से सांसद के हरि बाबू को केंद्र में कोई बड़ा पद दिया जा सकता है।
टीडीपी के खिलाफ अपनी धार को मजबूत करने के लिए कांग्रेस से अलग होकर भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं को पार्टी यहां ज्यादा तरजीह देना चाहती है। इस रणनीति के तहत दो नेता काना लक्ष्मीनारायण और डी पुरंदारेश्वरी जिन्होंने 2012 में कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी का हाथ पकड़ा था उन्हें आगे कर पार्टी यहां विरोधियों को चित करने की कोशिश करेगी।