पटना: बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) से मरने वालों बच्चों की संख्या 128 तक पहुंच गई है। पीड़ितो और उनके परिवार वालों से मिलने के लिए बिहार के सीएम मुख्यमंत्री से लेकर केंद्रीय मंत्री जा चुके हैं। शनिवार को जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई के नेता कन्हैया कुमार भी पीड़ितो से मिलने के लिए मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एसकेएमसीएच) पहुंचे। लेकिन हॉस्पिटल के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें गेट पर ही रोक दिया।
कन्हैया कुमार को शनिवार को चमकी बुखार के पीड़ितों से मिलने के लिए एसकेएमसीएच पहुंचे। लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें गेट पर ही रोक दिया। कन्हैया कुमार को हॉस्पिटल के अंदर जाने की परमिशन सुरक्षाकर्मियों ने नहीं दी। हालांकि बाद में उन्हें उन्हें दो तीन समर्थकों के साथ एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों और उनके परिजनों से मिलने दिया गया। कन्हैया कुमार ने यहां मीडिया से बात करते हुए कहा कि ये समय प्रार्थना का है और वह इस मामले में राजनीति नहीं करना चाहते हैं।
Bihar: Communist Party of India’s Kanhaiya Kumar visits SKMCH Hospital in Muzaffarpur where 108 people have died due to Acute Encephalitis Syndrome (AES). pic.twitter.com/9NIRf0Gwzb
— ANI (@ANI) June 22, 2019
बिहार में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) की वजह से होने वाली बच्चों की मौत रुक नहीं रही है। इस बीमारी से मरने वाले लोगों की संख्या 128 हो गई है। आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एसकेएमसीएच) में अब तक 108 बच्चों की मौत हो गई है। वहीं मुजफ्फरपुर के केजरीवाल हॉस्पिटल में भी 20 बच्चों की मौत चमकी बुखार के वजह से हो गई है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीड़ित परिवारों को 4 लाख के मुआवजे की घोषणा की है। हालांकि जब वो मंगलवार को पीड़ितो से मिलने गए तो उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा। शुक्रवार को केंद्र सरकार के अपर सचिव मनोज झलानी, एडीशनल हेल्थ सेक्रेटरी, बिहार कौशल किशोर, दिल्ली के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अरुण कुमार सिंह, दिल्ली से संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. सत्यम, बिहार के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार व जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष एसकेएमसीएच पहुंचे।