नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय के मुख्यन्यायाधीश रंजन गोगोई ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स, एनआरसी) को भविष्य के लिए आधार दस्तावेज बताया है। इसके साथ ही उन्होंने एनआरसी लागू किए जाने के दौरान बिगड़े हालातों का जिम्मेदार कुछ मीडिया संस्थानों की गैर जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग को बताया। उन्होंने एनआरसी को लेकर यह बात ‘पोस्ट कॉलोनियल असम’ किताब के विमोचन कार्यक्रम में कही।
उन्होंने अपने संबोधन में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) को लेकर कहा कि यह चीजों को उचित परिप्रेक्ष्य में रखने का एक अवसर है, क्योंकि आखिरकार यह उभर सकता है, यह कोई एक समय भर का दस्तावेज नहीं है। यह केवल 19 लाख या 40 लाख लोगों की बात भी नहीं है। यह तो भविष्य के लिए आधार दस्तावेज है।
CJI Ranjan Gogoi: Irresponsible reporting by a few media outlets only worsened the situation. There was an urgent need to ascertain with some degree of certainty the number of illegal migrants, which is what the current exercise of NRC had attempted, nothing more nothing less. https://t.co/FlMUdOyEu9 pic.twitter.com/eFuc3Swvb9
— ANI (@ANI) November 3, 2019
उन्होंने कहा कि इसे लेकर की गई कुछ मीडिया संस्थानों की गैर जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग से स्थिति और खराब हो गई। हालांकि कुछ हद तक अवैध प्रवासियों की संख्या का पता लगाने की तत्काल आवश्यकता थी, जो कि एनआरसी को लागू करने के मौजूदा प्रयास का हिस्सा था। इसमें कुछ भी कम या ज्यादा नहीं होना था।