भोपाल में शाम को शिवराज सिंह चौहान प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के साथ बैठक करके मंत्रिपरिषद के नामों की सूची को अंतिम रूप दे सकते हैं और मंगलवार को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल राजभवन में नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिला सकती हैं।नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आशीर्वाद मिलने के बाद मंगलवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। प्रधानमंत्री से मुख्यमंत्री की भेंट चार बजे प्रस्तावित है। रोड-मैप बन चुका है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के यथार्थवादी सोच की मंत्रिमंडल पर छाप दिखने की पूरी संभावना है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर से मिलने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गृह मंत्री से विशेष मंत्रणा की है।
समझा जा रहा है कि इस मंत्रिमंडल विस्तार में वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय, ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत अन्य के करीबियों को जगह मिलेगी।
प्रधानमंत्री के साथ भेंट के बाद शाम को शिवराज सिंह चौहान के भोपाल जाने का कार्यक्रम है। समझा जा रहा है कि राज्य में सही संदेश देने के लिए उनके साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया भी भोपाल जा सकते हैं।
भोपाल में शाम को शिवराज सिंह चौहान प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के साथ बैठक करके मंत्रिपरिषद के नामों की सूची को अंतिम रूप दे सकते हैं और मंगलवार को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल राजभवन में नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिला सकती हैं।
गौरतलब है कि राज्य के राज्यपाल लालजी टंडन की तबियत खराब होने के कारण इस समय उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के पास मध्य प्रदेश का अतिरिक्त प्रभार है।
सूत्र बताते हैं कि शिवराज सिंह चौहान सरकार मंत्रिमंडल में अभी पांच मंत्री हैं।
मंगलवार को 25 नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। इसमें से छह ज्योतिरादित्य समर्थक और दो अन्य कांग्रेस के पूर्व बागी विधायक मंत्री बन सकते हैं।
इनमें भी भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री और प्रधानमंत्री की युवाओं को अवसर देने की है। इस तरह से राज्य में सत्ता के गलियारे के कई पुराने चेहरों का पत्ता कटना करीब-करीब तय है।
मंत्री बनने की इच्छा पालने वालों में नए पुराने तमाम दावेदार हैं। शिवराज सिंह चौहान के पिछले मंत्रिमंडल की सदस्य रहीं ज्योतिरादित्य की बुआ यशोधरा राजे सिंधिया की उम्मीद बनी हुई है।
शिवराज के करीबी भूपेंद्र सिंह, गोपाल भार्गव, रामपाल सिंह, राजेन्द्र शुक्ला, गिरीश गौतम, केदार शुक्ल जैसे चेहरे दौड़ में शामिल हैं।
संजय पाठक ने आपरेशन लोटस में भूमिका निभाई थी। उन्हें भी अपनी भूमिका बढ़ने की उम्मीद है। विश्वास सारंग, रमेश मंदोला, लल्लू राम वैश्य, नीना वर्मा या फिर उषा ठाकुर, अरविंद भदौरिया, रामेश्वर शर्मा मंत्री बनने के प्रमुख दावेदारों में हैं।
सिंधिया खेमे से इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, प्रभुनाथ चौधरी की किस्मत खुल सकती है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रविवार से दिल्ली में डटे हैं। मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश संगठन मंत्री सुहास भगत भी हैं। दो दिन में शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा, संगठन मंत्री बीएल संतोष, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, नरेंद्र तोमर से भेंट की है।
उन्होंने सोमवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी मुलाकात की। उनका संघ मुख्यालय झंडेवालान भी जाने का कार्यक्रम है और प्रधानमंत्री से मार्गदर्शन लेने के बाद भोपाल रवाना हो जाएंगे।
शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ भले ले ली है, लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें राष्ट्रीय नेतृत्व के आधार पर चलना पड़ रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शिवराज सिंह के तीन करीबी नेताओं के मंत्रिमंडल में जगह पाने की उम्मीद अब काफी कम है।
शिवराज के विरोधी कैलाश विजयवर्गीय के करीबी चेहरे को मंत्रिमंडल में स्थान मिलना तय माना जा रहा है। वहीं भाजपा नेतृत्व उपचुनाव तक ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों को पूरा भाव दे रहा है।
भोपाल के एक सूत्र की मानें तो नरेंद्र सिंह तोमर के वीटो लगाने के बाद एक चेहरे का भी मंत्रिमंडल में जगह पाना तय माना जा रहा है।
कुल मिलाकर शिवराज के मंत्रिमंडल का गठन उनकी इच्छा के अनुसार कम और समझौते के साथ अधिक होने की संभावना है।
शिवराज सिंह चौहान 23 मार्च को मुख्यमंत्री बने थे। उनके संक्षिप्त मंत्रिमंडल का विस्तार करीब एक महीने बाद हो पाया था। तब नरोत्तम मिश्रा, तुलसी सिलावट समेत पांच लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था।
शिवराज सहित मंत्रिमंडल में कुल 36 सदस्य हो सकते हैं। इस तरह से अभी 29 चेहरों को मंत्री बनने का अवसर मिल सकता है।