पटना : लोजपा अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनावों को सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि पार्टी के संविधान के अनुसार, चिराग पासवान न तो राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और न ही संसदीय दल के नेता हैं। पार्टी के संविधान के अनुसार ही कल जो चुनाव हुए वो पूरी तरह से वैधानिक हैं। उन्होंने कहा कि चिराग को इन बातों की जानकारी ही नहीं है।
According to party’s constitution, Chirag Paswan is neither LJP’s national president nor the Leader of the parliamentary party now. Yesterday’s election was completely valid under party’s constitution, of which he is not aware: Pashupati Kumar Paras, LJP pic.twitter.com/cf1eFVWD1v
— ANI (@ANI) June 18, 2021
उधर लोकसभा स्पीकर ने कहा कि हमें लोजपा की अंदरुनी लड़ाई से मतलब नहीं है। पार्टी के नेता व मुख्य सचेतक की ओर से अर्जी आई थी, इसलिए लोजपा संसदीय दल के नेता पद के बदलाव किया। बता दें, अब चिराग पासवान की जगह पशुपति पारस लोकसभा में लोजपा संसदीय दल के नेता नियुक्त किए गए हैं।
पशुपति पारस द्वारा लोजपा पर कब्जे के बाद अब अधिकारों की जंग शुरू हो गई है। चिराग पासवान ने पार्टी पर दावा जताते हुए कानूनी लड़ाई लड़ने की घोषणा कर दी है। उन्होंने लोकसभा स्पीकर को पत्र लिख कर पार्टी के संसदीय दल में बदलाव के फैसले पर पुनर्विचार की अपील की है। सूरजभान को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के फैसले को अवैध बताते हुए चिराग ने कहा कि पार्टी के संविधान के मुताबिक इस आशय का फैसला करने का अधिकार सिर्फ संसदीय बोर्ड के पास है।
पार्टी में टूट पर चुप्पी तोड़ते हुए चिराग ने इसके लिए जदयू और बिहार के सीएम नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि ‘मैं शेर का बेटा हूं। ना मैं पहले डरा हूं और ना ही आगे डरूंगा। पहले भी लड़ा था आगे भी लड़ूंगा। जनता मेरे साथ है। मैं लंबी कानूनी और राजनीतिक लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हूं। मैं चाहता था कि यह लड़ाई बंद कमरे तक सिमट जाए, मगर अब ये लड़ाई लंबी चलेगी और कानूनी तरीके से लड़ी जाएगी।’