भोपाल- राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने इंजीनियरिंग का ग्राफ उठाने प्रदेश सीबीसीएस की सौगात दी थी। लेकिन यह विद्यार्थियों की परेशानी का सबब बन रही है। आरजीपीवी ने प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं जनवरी में कराई थीं, इसमें करीब तीस हजार विद्यार्थी फेल हुए थे। उक्त विद्यार्थियों की परीक्षाएं परीक्षा नियंत्रक मोहन सेन को जून में कराना थीं, जो नहीं हो सकी हैं।
ये परीक्षा द्वितीय सेमेस्टर के विद्यार्थियों के साथ पूर्व विद्यार्थियों के रूप में होती है। इससे विद्यार्थियों का साल बर्बाद हो रहा है। उन्हें अगले साल दो-दो विषयों की परीक्षाएं देना होगी। वहीं आटोनोमशन कालेजों ने परीक्षाएं करा ली गई हैं, जिनके रिजल्ट घोषित नहीं हुए हैं। इसमें एसजीएसआईटीएस इंदौर, एमआईटीएस ग्वालियर, जबलपुर इंजीनियरिंग और आरजीटीयू भोपाल शामिल है।
रिजल्ट पर अभी करेंगे विचार…
आॅटोनोमश कॉलेज परीक्षा कराने और रिजल्ट तैयार करने स्वतंत्र होते हैं। प्रदेश के सभी कॉलेजों ने परीक्षाएं के रिजल्ट तैयार कर नियंत्रक सेन को भेज दिए हैं , लेकिन सेन रिजल्ट ओके नहीं कर रहे हैं। वे प्राचार्यों से कह रहे हैं कि विचार करने के बाद रिजल्ट पर सील लगेगी। इसको कमेटी सत्यापित करती है।
पिछड़ जाएंगे आॅटोनोमश कॉलेज
आटोनोमश कालेज अपनी परीक्षा और रिजल्ट के पृथक से जाने जाते हैं। समय पर रिजल्ट नहीं देने से आॅटोनोमश कालेज की स्थिति प्रदेश के अन्य कालेजों जैसी हो जाएगी। इससे उनकी गुणवत्ता पर सवाल खड़े होना शुरू हो जाएंगे। वहीं परीक्षाएं रुकने से प्रदेश में फेल विद्यार्थियों का ग्राफ बढ़ता चला जाएगा।
करीब तीस हजार विद्यार्थियों के भविष्य पर संकट,
Bhopal, SGSITS, Indore, MITS, Gwalior, Jabalpur, engineering, RGTU, Rajiv Gandhi Technological University, graph, CBCS