नई दिल्ली- पतंजलि की देसी घी में फफूंद, पतंजलि के आटा नूडल्स जांच के बाद बाबा रामदेव के पतंजलि का सरसों तेल का विज्ञापन विवादों में आ गया है ! जिसको लेकर खाद्य तेल उद्योग संगठन एसईए योग गुरू रामदेव प्रवर्तित पतंजलि के खिलाफ खाद्य सुरक्षा नियामक एफएसएसएआई के साथ विज्ञापन उद्योग निकाय एएससीआई से संपर्क कर रहा है।
दरअसल संगठन का आरोप है कि पतंजलि का सरसों तेल का विज्ञापन ‘झूठा और भ्रामक’ है। सोल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने एक बयान में कहा कि वह अन्य खाद्य तेलों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी को सही नहीं मानता।
संगठन ने दावा किया कि पंतजलि का अपने कच्ची घानी सरसों तेल का विज्ञापन सही नहीं है। वहीं दूसरी तरफ पंतजलि ने इस बात पर जोर दिया है कि उसका मौजूदा विज्ञापन तथ्यों और शोध पर आधारित है। हमारा किसी को गुमराह करने का इरादा नहीं है। कंपनी के विज्ञापन में दावा किया गया है कि सरसों तेल के अन्य ब्रांड के कच्ची घानी तेल में मिलावट है। एसईए ने ऐसे दावों पर आपत्ति जतायी।
विवादों में घिरा पतंजलि सरसों तेल का विज्ञापन खाद्य तेल उद्योग संगठन एसईए योग गुरू रामदेव प्रवर्तित पतंजलि के खिलाफ खाद्य सुरक्षा नियामक एफएसएसएआई के साथ विज्ञापन उद्योग निकाय एएससीआई से संपर्क कर रहा है।
बयान के अनुसार एसईए ने दस्तावेजी सबूतों के साथ विस्तृत ज्ञापन पतंजलि को भेजा है और विज्ञापन में सोलवेंट तेल के खिलाफ दिये गये गुमराह करने वाले बयान वापस लेने का अनुरोध किया।
एसईए ने कहा कि दुर्भाग्य से पतंजलि ने प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में विज्ञापन जारी रखा। इसीलिए एसोसिएशन ने भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के साथ भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) से संपर्क करने का फैसला किया है ताकि वे पंतजलि को गुमराह करने वाले तथ्यों पर आधारित विज्ञापन को वापस लेने का निर्देश दे सके।