अलीगढ़ के टप्पल इलाके में अपहरण के बाद हुई मासूम की हत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है। बच्ची की निर्मम हत्या के बाद लोगों को आक्रोश फूट पड़ा है।
इलाके के लोग सड़कों पर उतर आए हैं। ये सभी बच्ची के लिए इंसाफ की मांग कर रहे हैं। अनहोनी की आशंका के बीच रविवार को प्रशासन ने इलाके में भारी पुलिस बल को तैनात किया है।
कस्बे में रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ), पीएसी कई थानों की पुलिस फोर्स तैनात है। सूत्रों ने बताया है कि एक समुदाय विशेष के लोगों के मन में डर व्याप्त हो गया है और वे इलाके को छोड़कर जा रहे हैं।
माहौल ठीक नहीं होने के कारण इलाके के बाजार भी बंद हैं। ऐसी अवस्था होने के बावजूद भी पुलिस व प्रशासन के आलाधिकारी इस मामले पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।
पुलिस ने इस मामले में अब तक चार आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने मुख्य आरोपी ज़ाहिद और उसकी पत्नी शाहिस्ता समेत 4 लोग गिरफ्तार किया है।
एसएसपी आकाश कुलहरि ने बताया कि जाहिद की पत्नी शाहिस्ता के दुपट्टे में बच्ची का शव लिपटा हुआ था। साथ ही एसएसपी आकाश कुलहरि ने कहा कि हम पीड़ित परिवार से मिले और उन्होंने आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की है।
इस मामले में चार्जशीट दाखिल किया गया है। इससे पहले अलीगढ़ के एसएसपी आकाश कुलहरि ने इंस्पेक्टर केपी सिंह चहल सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था।
बता दें कि टप्पल इलाके में पैसे के लेन-देन को लेकर हुए विवाद के कारण ढाई साल की एक बच्ची की हत्या करके उसका शव कूड़े के ढेर में डाल दिया गया था।
बच्ची के पिता की शिकायत पर जाहिद और असलम को गिरफ्तार किया गया है। डीजीपी (लॉ एंड ऑर्डर) आनंद कुमार ने बताया कि फास्ट ट्रैक बेसिस पर जांच करने के लिए दल में फॉरेंसिक साइंस टीम, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और एक्सपर्ट्स की एक टीम भी होगी।
आनंद कुमार ने बताया कि आरोपियों पर पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।