सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश देते हुए सोमवार को कहा कि जरूरत पड़ने पर नियंत्रण रेखा के पार स्थित आतंकवादी शिविरों पर भारत दोबारा सर्जिकल स्ट्राइक कर सकता है। सेना प्रमुख रावत ने कहा कि सीमापार से घुसपैठ जारी रहेगी क्योंकि नियंत्रण रेखा के पार स्थित वे शिविर अभी भी सक्रिय हैं जहां से आतंकवादी भेजे जाते हैं।
उन्होंने चेतावनी दी कि सेना आतंकवादियों को कब्रों में भेजने के लिए तैयार है। रावत ने कहा, ‘‘सर्जिकल स्ट्राइक एक संदेश था, जो हम उन्हें देना चाहते थे और वे वह समझ गए हैं जो हमारा मतलब था कि चीजें जरूरत पड़ने पर दोहराई जा सकती हैं।’’ जनरल रावत ने कहा कि सरहद के उस पार जो आतंकवादी हैं, वो तैयार बैठे हैं। हम भी उनके लिए इस तरफ तैयार बैठे हैं। उन्होंने कहा, वो आतंकवादी इधर आएंगे और हम उन्हें रिसीव करके, ढाई फुट जमीन के नीचे भेजते रहेंगे।
उन्होंने यह बात किताब ‘इंडियाज मोस्ट फीयरलेस’ के विमोचन के मौके पर कही। यह किताब रक्षा मामले कवर करने वाले दो पत्रकारों शिव अरूर और राहुल सिंह ने लिखी है। सर्जिकल स्ट्राइक के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर रावत ने कहा, ‘‘इसने यह संदेश दिया कि हम एक ताकतवर देश हैं और समय आने पर फैसला करने में सक्षम हैं।’’
पूर्व सेना प्रमुख जनरल (रिटायर्ड) दलबीर सिंह ने भी इसी तरह के विचार जताते हुए कहा कि इससे विदेश में भारत की छवि बेहतर हुई है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में किए गए लक्षित हमले के सबसे मुश्किल हिस्से के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि चिंता वाला हिस्सा, सैनिकों को सुरक्षित तरीके से ‘‘निकालना’’ था।
हाल ही में सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनाने वाले लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डीएस हूडा ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा था, “एक ही रात में अपनी तरह के अलहदा अलग-अलग लक्ष्यों को निशाना बनाना काफी जटिल था।”
उन्होंने कहा, “हुआ ये कि हम कई जगहों से एलओसी के पार पाकिस्तान के 10 कार्प्स (इलाके) में गए और उन्हें भौंचक्का कर दिया।” लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) हूडा ने कहा, “उस अभियान को दोबारा करना हुआ तो भी मैं उसमें कुछ बदलाव नहीं करूंगा।”
हूडा ने कहा, “हमें आतंकवादियों को मारना था लेकिन सौ आतंकवादियों को मारने के बाद भी अगर हमारा कोई सैनिक पीछे छूट जाता तो ये हमारी विफलता होती।” हूडा ने कहा कि अभियान की सबसे अहम उपलब्धि ये नहीं थी कि कितने आंतकवादी मारे गये बल्कि हमारे सभी सैनिकों का सुरक्षित वापस आना हमारी बड़ी सफलता थी।” उन्होंने बताया कि सर्जिकल स्ट्राइक कई घंटों तक चली थी और जब हमारा आखिरी सैनिक वापस आया तब तक पौ फट चुकी थी।”