रामपुर के सैदनगर में पूर्व मंत्री आजम खां मुस्लिम नेताओं से अपील की है कि वह टीवी के टॉक शो में मुगलों को अपना आदर्श नहीं बताएं। ऐसे करके वह आरएसएस की मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुगल कभी भी मुसलमानों के आदर्श नहीं रहे हैं।
मुगलों ने मुसलमानों के लिए किया ही क्या है? मुगलों ने मदरसा, स्कूल, यूनिवर्सिटी और कारखाने नहीं बनवाएं। मुगलों ने किले बनवाएं, ताजमहल बनवाया, दरवाजे बनवाए। इससे मुसलमानों का क्या फायदा हुआ।
आजम ने कहा कि आजादी के बाद हिन्दुस्तान मे रहने वाले मुसलमानों के आदर्श मुगल बादशाह नहीं, बल्कि देश का संविधान है।
आजम खां बृहस्पतिवार को सैदनगर के लालपुर में कोसी नदी पर पुल बनाने की मांग को लेकर धरने को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि हमारे देश के प्रधानमंत्री दुनिया के सबसे महंगे कपड़े पहनने वाले व्यक्ति हैं।
उन्होंने तीन हजार करोड़ रुपये खर्च करके दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बनवाई है। इसके बाद वह अपने को अमेरिका के राष्ट्रपति से भी बड़ा मानकर चल रहे हैं। शायद उनको पता नहीं है कि अमेरिका के एक डॉलर की कीमत हिन्दुस्तान के 74 रुपये के बराबर है।
आजम ने कहा कि अगर देश के बादशाह तीन हजार करोड़ रुपये देश 135 करोड़ लोगों को दे देते तो उनका सबके खाते में 15-15 लाख रुपये भेजने का वादा भी पूरा हो जाता।
कहा कि बादशाह ने जो प्रतिमा बनवाई है उससे भी ऊंची प्रतिमा महाराणा प्रताप की बनने जा रही है।
उन्होंने कहा कि प्रतिमा नहीं, पुल बनवाओ। तीन हजार करोड़ रुपये की राशि से तो देश के कई पुल बन जाते। केरल के पुल बन जाते, यूपी के पुल बन जाते। आज देश की सबसे ऊंची प्रतिमा देश के 135 करोड़ हिन्दुस्तानियों की गरीबी पर कहकहे लगा रही है।
पूर्व मंत्री ने कहा कि यह कोई याद नहीं रखेगा कि देश की सबसे ऊंची प्रतिमा की संगे बुनियाद किसने रखी थी, किसने इसका उद्धाटन किया था। जनता यह याद रखेगी कि पिछले साढ़े चार सालों में कितने लोगों की मौत भूख से हो गई।
गोरखपुर के अस्पताल में कितने बच्चों की मौत मस्तिष्क ज्वर से हो गई।
आजम ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद गुजरात दंगे की भी फाइल खुलेगी। जस्टिस लोया की मौत कैसे हुई थी, यह हकीकत भी देश के लोगों के सामने लाई जाएगी।