- मुंबई के सैफी हॉस्पिटल में गुरुवार सुबह 10. 30 बजे ली अंतिम सांस
- एयर एंबुलेंस से पार्थिव देह को आज लाया जा रहा शांतिवन मुख्यालय
- दादी जी की पार्थिव देह शुक्रवार को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा
- 13 मार्च को माउंट आबू के ज्ञान सरोवर अकादमी में किया जाएगा अंतिम संस्कार
- दिव्य दृष्टि का था वरदान, एक साल पहले दीदी जानकी के निधन के बाद नियुक्त की गई थीं ब्रह्माकुमारीज की मुख्य प्रशासिका
आबू रोड : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की मुखिया राजयोगिनी दादी हृदयमोहिनी का गुरुवार सुबह 10.30 बजे देवलोकगमन हो गया। 93 वर्ष की आयु में उन्होंने मुंबई के सैफी हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। उन्हें दिव्य बुद्धि का वरदान प्राप्त था। एयर एंबुलेंस से उनके पार्थिव शरीर को ब्रह्माकुमारीज के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय आबू रोड, शांतिवन लाया जाएगा। 12 मार्च को उनकी पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए शांतिवन में रखा जाएगा। 13 मार्च को सुबह माउंट आबू के ज्ञान सरोवर अकादमी में अंतिम संस्कार किया जाएगा। दादी के निधन पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी है।
ब्रह्माकुमारीज के सूचना निदेशक बीके करुणा ने बताया कि राजयोगिनी दादी हृदय मोहिनी जी का स्वास्थ्य कुछ समय से ठीक नहीं चल रहा था। मुम्बई के सैफी हॉस्पिटल में आपका स्वास्थ्य लाभ चल रहा था। दीदीजी के निधन की सूचना पर संस्थान के भारत सहित विश्व के 140 देशों में स्थित सेवाकेन्द्रों पर शोक की लहर दौड़ गई। साथ ही ब्रह्माकुमारीज के आगामी कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया है। साथ ही विश्वभर में योग साधना का दौर चल रहा है।
दादी के देहावसान के समाचार सुनकर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल अनुसुईया उइके तथा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शोक संदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा है कि शिवरात्रि के दिन दादी का जाना एक बड़ा संदेश है।
- B. K. Komal