सीधी : मध्य प्रदेश के सीधी जिले में मंगलवार सुबह यात्रियों से भरी बस सोन नदी पर बने बाणसागर बांध की मुख्य नहर में समा गई। बुधवार सुबह 4 और शव नहर से निकाले गए, इसके साथ ही मृतकों की संख्या 51 पहुंच गई है। प्रशासन के अनुसार अब कोई लापता नहीं है। सीएम शिवराज सिंह चौहान आज दोपहर 12 बजे रामपुर नैकिन पहुंचकर घटना स्थल का निरीक्षण करेंगे और पीड़ित के परिजनों से मुलाकात करेंगे। इस मामले में जिम्मेदारों पर कार्रवाई हो सकती है। बस दुर्घटना के दूसरे दिन सुबह से ही कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी तथा पुलिस अधीक्षक पंकज कुमावत के नेतृत्व में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
हादसे में प्रभावित यात्री सीधी, रीवा, सिंगरौली व सतना जिले के निवासी हैं। हादसा सुबह साढ़े सात बजे सीधी जिले के रामपुर नैकिन स्थित पटना पुल के पास हुआ। बस सीधी से सतना जा रही थी। संकरी सड़क पर ट्रक से पासिंग लेते समय बस का पिछला पहिया फिसला और बस 22 फीट गहरी नहर में गिर गई। चालक समेत सात लोगों को ग्रामीणों ने सुरक्षित बाहर निकाला। सूचना पाते ही सीधी और रीवा जिले के अधिकारी मौके पर पहुंच गए और स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) की टीम राहत कार्य में जुट गई। सतना-सीधी स्टेट हाईवे पर छुहिया घाटी में पांच दिन से लगे जाम के कारण बस चालक नहर के रास्ते से निकलने की कोशिश कर रहा था। इससे बस नहर में चली गई।
- हादसे की दो बड़ी वजहें..
1 – छुहिया घाटी पर ट्रक खराब पांच दिन से लगा है जाम
पिछले पांच दिन से सीधी-रीवा मार्ग पर छुहिया घाटी में ट्रक खराब हो जाने से जाम लगा हुआ है। यहां का रास्ता पहाड़ी और घुमावदार है। सड़क जर्जर है। जब भी बड़ा वाहन खराब होता है, जाम लग जाता है। घाटी में जाम के कारण ही चालक ने नहर के रास्ते बस निकलने की कोशिश की और हादसा हो गया। पुलिस व प्रशासन जाम को खुलवा देते तो हादसा नहीं होता।
2 – बस में क्षमता से ज्यादा यात्रियों को बैठाया गया
बस की क्षमता 32 सीटों की थी, जबकि इसमें 58 यात्रियों को बैठाया था। अमूमन इस क्षेत्र की कई बसों में यही स्थिति है। न तो आरटीओ लगातार चेकिंग करता है और न ही पुलिस-प्रशासन के अधिकारी ध्यान देते हैं। ऐसे में बस संचालकों के हौसले बुलंद हैं। वे क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाकर उनकी जान संकट में डाल रहे हैं।