नागरिकता कानून (CAA) और नेशनल रजिस्टर फॉर सिटिजनशिप (NRC) को लेकर उत्तर प्रदेश हिंसा की आग में झुलस रहा है। राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों में शुक्रवार को बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर हंगामा और तोड़फोड़ किया।
इस हिंसा में मरने की संख्या बढ़कर अब नौ हो गई है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, मेरठ में चार, वाराणसी, कानपुर, बिजनौर और संभल में दो-दो लोगों की मौत हुई है।
जबकि फिरोजाबाद में एक शख्स की इसमें जान गई है। इसके अलावा लगभग तीन दर्जन लोग भी घायल हुए हैं।
वहीं यूपी के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने दावा किया एक भी प्रदर्शनकारी की मौत पुलिस की फायरिंग से नहीं हुई है।
प्रशासन ने अफवाहों और हिंसा को बढ़ावा देने वाले संदेशों को फैलने से रोकने के लिए एहतियातन 21 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बाधित कर दी है। साथ ही शनिवार को प्रदेश भर के स्कूल, कॉलेजों और यूनिवर्सिटी को भी बंद रखा गया है।
हिंसा करने वालों से सख्ती से निपटेंगे
राज्य के अलग-अलग हिस्सों में बीते तीन दिन से हो रहे हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि किसी को भी कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। सीएम योगी ने दंगाइयों और हिंसा करने वालों से सख्ती से निपटने की चेतावनी दी।
इससे पहले शुक्रवार को राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी और डीजीपी ओपी सिंह ने लखनऊ के उन इलाकों में खुद सड़कों पर उतर कर फ्लैग मार्च किया था जहां दो दिन पहले जबरदस्त हिंसा और आगजनी हुई थी।
हिंसा और बवाल को देखते हुए पूरे उत्तर प्रदेश में 31 जनवरी, 2020 तक धारा 144 लागू कर दी गई है। साथ ही हिंसाग्रस्त इलाकों में पुलिस और सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। इसके अलावा पुलिस लोगों से शांति की भी अपील की रही है।