नई दिल्ली- बैंक ग्राहकों को जहां आरबीआई ने मॉनिटरी पॉलिसी से निराश किया है वहीं एक खुशखबरी भी दी है। आरबीआई ने बचत खाताधारकों के लिए 20 फरवरी से बैंक निकासी सीमा बढ़ाकर 50000 रुपए हर हफ्ते कर दी है।
वहीं आगामी 13 मार्च से निकासी सीमा को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने इसकी घोषणा की है। अभी हर हफ्ते 24 हजार रुपए की निकासी सीमा तय है।
फिलहाल सेविंग अकाउंट से एक हफ्ते में 24 हजार रुपये ही निकाले जा सकते हैं। गौरतलब है कि सरकार ने नोटबंदी के बाद से निकासी सीमा को तय कर दिया था।
मौद्रिक समीक्षा नीति की घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर ने बताया कि बचत खाते ने कैश निकालने की सीमा दो चरणों में धीरे-धीरे खत्म कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि 20 फरवरी से कैश निकासी की सीमा को हफ्ते में 24 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया। वहीं 13 मार्च के बाच नकद निकासी पर लगी यह सीमा पूरी तरह खत्म कर दी जाएगी।
साथ ही आरबीआई ने नकली नोटों पर सफाई देते हुए कहा कि दो हजार और पांच सौ रुपए के नोटों को कॉपी करना आसान नहीं है और जो भी नोट मिले हैं वो फोटो कॉपी हैं। रिजर्व बैंक ने कहा कि 27 जनवरी को कुल मिलाकर 9.92 लाख करोड़ रुपये के नये नोट चलन में आ चुके थे। आरबीआई ने वर्ष 2017-18 की पहली छमाही में मुद्रास्फीति 4-4.5 प्रतिशत और दूसरी तिमाही में 4.5-5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।
गौरतलब है कि RBI ने हाल ही में एटीएम से निकासी सीमा को बढ़ाकर 10,000 रुपए प्रति दिन कर दिया लेकिन बचत बैंक खातों के लिए 24,000 रुपए की साप्ताहिक निकासी सीमा को बनाए रखा है। वहीं करंट अकाउंट के लिए साप्ताहिक नकदी निकासी सीमा एक लाख रुपए पर बनाये रखी गयी।
दास ने कहा कि यह पूरी तरह रिजर्व बैंक का फैसला होगा और वही हालात को ध्यान में रखते हुए कोई निर्णय करेगा। उल्लेखनीय है कि नोटबंदी के ऐलान के बाद जहां एटीएम से पैसे निकालने की सीमा 4,500 रुपये कर दी गई थी वहीं बाद में मांग और आपूर्ति में बड़ा अंतर बरकरार रहने के चलते इसे 2,500 रुपए कर दिया गया था। हालांकि 31 दिसंबर 2016 को इस सीमा को रिवाइज किया गया और 1 जनवरी 2017 से लागू नियम के मुताबिक एक बार से यह सीमा बढ़ाकर 4500 रुपए प्रतिदिन कर दी गई थी।