अमेरिका के खुफिया प्रमुख का कहना है कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले भारत में साम्प्रदायिक हिंसा हो सकती है। उन्होंने अमेरिकी संसद में अपनी एक रिपोर्ट पेश की है जिसमें यह कहा गया है।
अमेरिकी खुफिया प्रमुख डान कोट्स अमेरिकी संसद में कहा, “भारत में संसदीय चुनाव से पहले यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी बीजेपी हिंदू-राष्ट्रवाद पर अधिक जोर डालती है तो भारत में साम्प्रदायिक हिंसा भड़कने की मजबूत संभावना है।”
कोट्स ने अमेरिका के सीनेट सलेक्ट कमिटी ऑन इंटेलिजेंस में वैश्विक खतरों पर आंकलन पेश किया। उन्होंने कहा, “मोदी के कार्यकाल में बीजेपी की नीतियों के चलते कई बीजेपी शासित राज्यों में साम्प्रदायिक तनाव उत्पन्न हो गया है।
राज्यों के नेता पार्टी के हिंदू राष्ट्रवादी अभियान को छिटपुट हिंसा भड़काने के सिग्नल के तौर पर देख सकते हैं ताकि इससे समर्थक जुड़े रहें।”
खुफिया प्रमुख ने आगे कहा, “बढ़ते साम्प्रदायिक हमलों के चलते भारतीय मुस्लिम खुद को अलग-थलग महसूस कर सकते हैं और इससे भारत में इस्लामिक आतंकी समूहों को अपनी जड़ों को मजबूत करने का मौका मिल सकता है।”
मोदी सरकार का पांच साल का कार्यकाल मई में खत्म हो रहा है। कोट्स ने अपने स्टेटमेंट में यह भी कहा कि मई तक भारत और पाकिस्तान के संबंधों में तनाव और अधिक बढ़ सकता है।
राष्ट्रीय खुफिया के निदेशक डान कोट्स ने खुफिया मामलों की सीनेट सलेक्ट कमेटी से मंगलवार को कहा कि खुफिया समुदाय के लिए चुनाव सुरक्षा हमेशा प्रमुख रही है और आगे भी बनी रहेगी।
कोट्स ने कहा, ‘‘हमारा आंकलन है कि विदेशी ताकतें अमेरिका में 2020 में होने वाले चुनावों को अपने हितों को आगे बढ़ाने के अवसर के रूप में देखेंगी। हमारा मानना है कि वे अपनी क्षमताओं को और निखारेंगे और उसमें नए दांव पेच जोड़ेगे क्योंकि वे पूर्व चुनावों में एक दूसरे के अनुभवों और प्रयासों से सीखते हैं।’’