नई दिल्लीः देश में कृषि सुधारों के मुद्दे पर ब्रिटिश संसद में मंगलवार को चर्चा हुई, जिसके बाद ब्रिटेन के राजदूत को भारत सरकार ने तलब किया। इस बात पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। दरअसल, थरूर ने यूनाइटेड किंगडम की संसद में भारत के कृषि कानूनों पर बहस किए जाने को सही ठहराया है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि लोकतंत्र के तहत आप किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने बहस को सही ठहराते हुए कहा, ‘लोकतंत्र में आप जो चाहें चर्चा करने के लिए स्वतंत्र हैं। जैसे हम भारत में फिलिस्तीन-इजराइल के मुद्दे पर चर्चा कर सकते हैं, जैसा कि हमने अतीत में भी किया है और जिस तरह हम बाहरी देश के किसी घरेलू मुद्दे को संसद में चर्चा के लिए चुनते हैं, उसी तरह ब्रिटिश संसद को भी हमारे मुद्दों पर चर्चा करने का समान अधिकार है।’
थरूर ने अपनी बात में स्पष्ट किया कि वह इस मामले में भारत सरकार के नजरिए को गलत नहीं ठहरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें पहचानना होगा कि लोकतंत्र का दूसरा नजरिया भी होता है और इसके तहत चुने गए लोग अपना विचार रखने के लिए स्वतंत्र हैं। बता दें कांग्रेस सांसद शशि थरूर यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान विदेश मंत्री भी रह चुके हैं।
उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि इसमें कुछ आश्चर्यजनक है। हमें इसे सामान्य रूप से लेना चाहिए, लोकतंत्र में ऐसा होना चाहिए।
बता दें भारत के कृषि सुधारों पर ब्रिटिश संसद में अवांछित और एक विशेष विचार का समर्थन करने वाली चर्चा हुई थी, जिसे लेकर मंगलवार को भारत ने कड़ी आपत्ति जताई और ब्रिटेन के उच्चायुक्त को तलब किया था। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने ब्रिटेन के उच्चायुक्त से कहा भारत के कृषि सुधारों पर ब्रिटिश संसद में चर्चा कराया जाना दूसरे लोकतांत्रिक देश की राजनीति में दखलअंदाजी है।
विदेश सचिव ने ब्रिटेन के उच्चायुक्त को से कहा कि ब्रिटिश सांसदों को विशेष रूप से अन्य लोकतांत्रिक देश से जुड़े घटनाक्रमों पर वोट बैंक की राजनीति करने से बचना चाहिए। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘विदेश सचिव ने ब्रिटिश उच्चायुक्त को तलब किया और भारत के कृषि सुधारों पर ब्रिटिश संसद में ‘अवांछित एवं एक विशेष विचार का समर्थन करने वाली चर्चा को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया।’ बयान में आगे कहा गया, ‘’विदेश सचिव ने स्पष्ट कर दिया कि यह दूसरे लोकतांत्रिक देश की राजनीति में पूरी तरह से दखलअंदाजी है।