मध्य प्रदेश के भोपाल संसदीय सीट से बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने बड़ा बयान दिया है।
प्रज्ञा का आरोप है कि 26/11 हमले में शहीद हुए एटीएस चीफ हेमंत करकरे को उनके कर्मों की सजा मिली। उनके कर्म ठीक नहीं थे, इसलिए उन्हें संन्यासियों का श्राप लगा था।साध्वी प्रज्ञा ने कहा, ‘जिस दिन मैं जेल गई थी उसके 45 दिन के अंदर ही आतंकियों ने उसका अंत कर दिया।’
भोपाल में मीडिया से बात करते हुए साध्वी प्रज्ञा ने कहा, ‘एटीएस मुझे 10 अक्टूबर 2008 को सूरत से मुंबई लेकर गई थी। वहां 13 दिन तक बंधक बनाकर रखा गया। पुरुष एटीएस कर्मियों ने इस दौरान मुझे खूब प्रताड़ित किया। पूर्व एटीएस चीफ हेमंत करकरे को संन्यासियों का श्राप लगा और मेरे जेल जाने के करीब 45 दिन बाद ही वह 26/11 के आतंकी हमले का शिकार हो गए।’
एक सभा में साध्वी प्रज्ञा ने कहा, “वो जांच अधिकारी सुरक्षा आयोग का सदस्य था, उन्होंने हेमंत करकरे को बुलाया और कहा कि साध्वी को छोड़ दो। लेकिन हेमंत करकरे ने कहा कि मैं कुछ भी करूंगा लेकिन सबूत लाउंगा और साध्वी को नहीं छोड़ूंगा।”
मालेगांव ब्लास्ट केस में जमानत मिलने के बाद रिहा हुई साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कांग्रेस और एटीएस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
साध्वी का आरोप है कि कांग्रेस ने उन्हें पूरी तरह से खत्म करने का षडयंत्र रचा था। साध्वी ने एटीएस पर भी उन्हें अत्यधिक प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।