तीन मई तक लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला केंद्र सरकार का नहीं बल्कि राज्य सरकारों का है। राज्यों ने सुझाव दिया था कि लॉकडाउन को तीन मई तक के लिए बढ़ाया जाना चाहिए। केंद्र सरकार केवल 30 अप्रैल तक लॉकडाउन को बढ़ाना चाहती थी लेकिन एक मई को मजदूर दिवस की छुट्टी है उसके बाद दो मई को शनिवार और तीन को रविवार है। ऐसे में राज्यों ने तीन दिन और लॉकडाउन बढ़ाने का प्रस्ताव दिया।
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछली बार देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी जिसकी अवधि आज खत्म हो रही है। मगर आज राष्ट्र के नाम संबोधन में उन्होंने लॉकडाउन की अवधि को और 19 दिनों के लिए बढ़ा दिया है। हालांकि उनके संबोधन से पहले लॉकडाउन बढ़ाने के कयास लगाए जा रहे थे, जैसा कि हुआ भी।
हालांकि बहुत से लोग इस बात से हैरान हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने आखिर 19 दिनों का लॉकडाउन किस हिसाब से लागू किया है। ये न एक हफ्ते का है, न दो हफ्ते का और न ही महीने के खत्म होने का दिन ही है। सभी इस बात से हैरान हैं कि 30 अप्रैल के बजाए तीन मई तक लॉकडाउन क्यों बढ़ाया गया है। हम आपको बताते हैं इसकी वजह।
Govt Sources on the extension of lockdown to May 3rd rather than April 30 (as recommended by states): 1st May is a public holiday, 2nd May is a Saturday and 3rd May is a Sunday
— ANI (@ANI) April 14, 2020
सरकारी सूत्रों की मानें तो तीन मई तक लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला केंद्र सरकार का नहीं बल्कि राज्य सरकारों का है। राज्यों ने सुझाव दिया था कि लॉकडाउन को तीन मई तक के लिए बढ़ाया जाना चाहिए। केंद्र सरकार केवल 30 अप्रैल तक लॉकडाउन को बढ़ाना चाहती थी लेकिन एक मई को मजदूर दिवस की छुट्टी है उसके बाद दो मई को शनिवार और तीन को रविवार है। ऐसे में राज्यों ने तीन दिन और लॉकडाउन बढ़ाने का प्रस्ताव दिया।
बहुत से लोग तर्क दे सकते हैं कि आखिर तीन दिन में ऐसा क्या होगा जो पिछले 21 दिनों में नहीं हो पाया या फिर 16 दिनों में नहीं हो सकता है। असल में कोरोना के मामले में इसके लक्षण दिखने में सात से 14 दिनों का समय लगता है। ऐसे में यदि इन 16 दिनों में तीन दिन और जुड़ जाएंगे तो हमें 19 दिनों का समय मिल जाएगा। जिससे कोरोना वायरस की तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी।