13.1 C
Indore
Friday, January 17, 2025

साइकिल दौड़ में अभी अखिलेश को बढ़त

akhilesh-yadavउत्तरप्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव अपने मुख्यमंत्री बेटे अखिलेश यादव के प्रति दिनों दिन जितने कठोर होते जा रहे हैं उतनी ही ताकत अखिलेश यादव की बढ़ती जा रही है। अखिलेश यादव को कमजोर करने के लिए उठाया गया मुलायम का हर कदम उन्हें और मजबूती प्रदान करने वाला साबित हो रहा है और इस सब घटनाक्रम के बीच मुलायम के सगे छोटे भाई और अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव अब अलग-थलग पड़ते जा रहे हैं। मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश का कद घटाने के लिए सपा के प्रदेशाध्यक्ष पद की बागडोर शिवपाल यादव को सौंपी थी परंतु अखिलेश यादव का कद अब शिवपाल यादव से ही ऊंचा दिखाई होने लगा है। सर्वाधिक आश्चर्य की बात यह है मुलायम सिंह यादव के पुराने साथी भी अब अपनी निष्ठा बदलकर अखिलेश यादव के पक्ष में खड़े दिखाई दे रहे हैं। अखिलेश यादव अब पार्टी के ऐसे ऊगते सर्य बन चुके हैं जिन्हें अब पार्टी का बहुमत नमस्कार कर रहा है।

मुलायम सिंह के पुराने साथी अब उन्हें पार्टी का डूबता सूर्य मानकर उनसे विमुख हो रहे हैं तो इसकी सीधी सी वजह यही है कि उन्हें अब यह भरोसा हो गया है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के आगामी चुनावों में अखिलेश यादव ही पार्टी का लोकप्रिय चेहरा बनने की सामथ्र्य रखते है। अखिलेश यादव अब पार्टी के अंदर इतने ताकतवर बन चुके है कि मुलायमसिंह यादव द्वारा उनके अथवा उनके समर्थकों के विरूद्ध की गई कोई भी कार्यवाही अब बेमानी साबित होगी। अब असली ताकत अखिलेश यादव के हाथों में आ चुकी है। मुलायम सिंह यादव के द्वारा भले ही वह अधिवेशन अवैधानिक घोषित कर दिया गया हो जिसमें कि अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष और नरेश उत्तम को प्रदेश अध्यक्ष चुना गया परन्तु हकीकत यही है कि अब मुलायमसिंह यादव के पास यही विकल्प बचा है कि वे अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने के लिए बुलाए गए उस अधिवेशन के फैसलों को स्वीकार कर लें जिसमें 10000 से अधिक प्रतिनिधियों ने एकमत से अखिलेश यादव को अपना नेता मान लिया। गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी की स्थापना में मुख्य भूमिका निभाने वाले रेवती रमण सिंह, पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा, पार्टी के महासचिव एवं राज्यसभा सदस्य नरेश अग्रवाल, अनेक मंत्री एवं विधायकों सहित ऐसे अनेक महत्वपूर्ण नेता इस विशेष राष्ट्रीय अधिवेशन में भाग लेने पहुंचे जो कभी मुलायम सिंह यादव के अत्यंत करीबी माने जाते थे।

किरणमय नंदा ने इस अधिवेशन की अध्यक्षता की। शुरू से ही अखिलेश यादव के पक्ष में पूरी मजबूती से खड़े पार्टी सांसद रामगोपाल यादव ने इस अधिवेशन के आयोजन में सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इस कारण उन्हें मुलायम सिंह यादव का कोपभाजन तो बनना ही था। मुलायम सिंह यादव ने दो माह के अंदर तीसरी बार उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया। अब स्थिति यह बन चुकी है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को उनके पिता और पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के हाथों कठोर सबक सिखाने के जो मंसूबे शिवपाल यादव ने इतने दिनों से अपने मन में पाल रखे थे वे तो धरे के धरे रह ही गए हैं, साथ ही मुलायम सिंह यादव भी अब पार्टी के डूबते सूर्य की भूमिका स्वीकार करने के लिए विवश हो गए हैं। अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने के लिए बुलाए गए विशेष राष्ट्रीय अधिवेशन में मुलायम सिंह यादव को पार्टी का राष्ट्रीय संरक्षक का पद सौंपकर उनका सम्मान बरकरार रखने की कोशिश की गई हैं परन्तु शिवपाल यादव से अब इतनी दूरी बन चुकी है कि उन्हें अब पार्टी में अपना पुराना रूतबा वापिस पाने की उम्मीद रखना छोड़ देना चाहिए।

समाजवादी पार्टी में अखिलेश यादव जिस तरह ताकतवर बनकर उभरे हैं उसके बाद यह भी निश्चित ही माना जाना चाहिए कि राज्य विधानसभा के चुनावों में मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी उन्हें ही प्रोजेक्ट करेगी और पार्टी के चुनाव अभियान की बागडोर भी उन्हीं के हाथों में ही होगी। अखिलेश यादव द्वारा पार्टी के बाकी उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा। अब सवाल यह उठता है कि समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव क्या अपनी सूची पर अटल रहते हैं या अखिलेश यादव के द्वारा चयनित उम्मीदवारों के खिलाफ अपनी पसंद के उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतार देते हैं। यदि ऐसा होता है तो समाजवादी पार्टी के वोटों का विभाजन तय हो जाएगा जिसका फायदा भारतीय जनता पार्टी को होगा जो उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में अपनी जीत शानदार सुनिश्चित मान चुकी है।

मुलायम सिंह को तय करना है कि वे समाजवादी पार्टी का क्या ऐसा ही हश्र चाहते हैं कि वह शिवापाल यादव के हाथ मजबूत करने के लिए अपने हाथ कमजोर कर लेवें। शिवपाल यादव और अखिलेश यादव में से किसी एक को उन्हें चुनना है। अभी तक तो उन्होंने शिवपाल यादव के सिर पर अपना वरदहस्त रखा है परंतु इसका परिणाम यह हुआ कि लगभग सारी सपा अखिलेश यादव के पीछे जा खड़ी हुई और अब सत्ता और संगठन दोनों पर उनका वर्चस्व स्थापित हो गया है। शिवपाल यादव का सपा में अब पुराना रूतब लौटने की दूर दूर तक कोई संभावना नहीं है। आश्चर्य यही है कि एक घाघ राजनीतिज्ञ की छवि रखने वाले सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह ने आखिर यह घाटे का सौदा क्यों किया। कहीं ऐसा तो नहीं है कि मुलायमसिंह यादव की दिली इच्छा भी यही रही हो और यह खेल उन्हीं की परोक्ष सहमति से हुआ जिसमें अखिलेश यादव की ताकत अप्रत्याशित रूप से बढ़ गई और शिवपाल यादव अलग थलग पड़ गए।

अब अगर समाजवादी पार्टी के दोनों धड़ों को एक करना है तो उसके लिए बीच का रास्ता निकालना होगा लेकिन यह तो लगभग तय है कि शिवपाल यादव के हाथों में ही सपा के प्रदेशाध्यक्ष परद की बागडोर रही आती है तो सपा के दोनों धड़ों में एकता संभव नहीं है। अखिलेश यादव के मन में पिता के प्रति सम्मान का जो भाव है वह तो आगे भी बरकरार रहेगा लेकिन चाचा शिवपाल यादव के साथ उनके सबंधों में जो कड़वाहट आ गई है उसके मिठास में बदलने की गुंजायश निकट भविष्य में तो दिखाई नहीं देती। शिवपाल यादव के मन में अब भी यह मलाल आवश्य होगा कि वे अगर मुख्तार अंसारी के वर्चस्व वाली कौमी एकता पार्टी का समाजवादी पार्टी में विलय कराने के प्रयास नहीं करते तो पार्टी में इस तरह अपमान का दंश उन्हें नहीं झेलना पड़ता। अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद विद्रोही धड़े के प्रति मुलायम सिंह की सख्ती में कुछ नरमी भी तब दिखाई दी जब अखिलेश के साथ उनकी तीन घंटे तक बैठक हुई परंतु अखिलेश यादव अपनी इस शर्त को छोडऩे के लिए तैयार नहीं हुए कि शिवपाल यादव को पार्टी के मामलों से अलग रखा जाए। मुलायम सिंह अब भी शिवपाल यादव से राजनीतिक दूरियां बनाने के लिए तैयार नहीं हैं।

साइकिल चुनाव चिन्ह पर अपना दावा जताने के लिए मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव ने अब चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है। मुलायम सिंह यादव ने सपा के उस धड़े की बैठक को अवैध घोषित कर दिया है जिसमें अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था। मुलायम सिंह यादव का दावा है कि उनके नेतृत्व वाली सपा ही है अत: साइकिल चुनाव चिन्ह पर उसका स्वाभाविक अधिकार है जबकि अखिलेश यादव का कहना है कि चूंकि सपा विधायक दल के अधिकांश सदस्यों सहित विधानपरिषद के सपा सदस्यों का बहुमत भी उन्हीं के साथ है और पार्टी में उनके समर्थकों की संख्या मुलायम सिंह के नेतृत्व वाली सपा से अधिक है इसलिए साइकिल चुनाव चिन्ह उन्हें ही प्रदान किया जाना चाहिए। अखिलेश यादव अपने दावे की पुष्टि के लिए ऐसे सभी समर्थकों की सूची चुनाव आयोग को सौंप चुके हैं। मुलायम सिंह और शिवपाल यादव भी चुनाव आयोग में अपने दावे की पुष्टि के लिए दिल्ली पहुंच चुके हैं।

अब देखना यह है कि चुनाव आयोग किसके दावे को ज्यादा मजबूत मानता हैं। अखिलेश यादव निश्चित रूप से उत्साह से भरे हुए है क्योंकि एक न्यूज चैनल ने भी अपने सर्वे में अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री के रूप में मतदाताओं की पहली पसंद बताया है। यह तो तय है कि अखिलेश यादव यदि सपा से अलग होकर नए चुनाव चिन्ह के साथ अपनी एक पार्टी को चुनाव में उतारते हैं और मुलायम सिंह अपनी सूची पर अडिंग रहते है तो उसका फायदा भाजपा के खाते में ही दर्ज होगा। भाजपा और बसपा की दिली मंशा भी यही है कि सपा के दोनों धड़े अलग अलग अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे। उधर कांग्रेस इस स्थिति की प्रतीक्षा में है कि अखिलेश यादव उसके लिए कम से कम 100 सीटें छोड़ दे। अब चुनाव आयोग ने पांच राज्यों की विधानसभाओं का चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दिया है अखिलेश यादव अभी मुलायम सिंह से साइकिल रेश में काफी आगे निकल चुके हैं। देखना यह है कि वे इस बढ़त को चुनावों तक बनाए रखने में सफल हो पाते है या नहीं।

कृष्णमोहन झा
(लेखक राजनीतिक विश्लेषक और आईएफडब्ल्यूजे के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं)






Related Articles

Casino Salary

Gta Online Diamond Casino Heist Payout: Utmost Take, And Participant Splits ExplainedContentHow To Acquire A Job As Being A Casino HostFinal ThoughtsGta Online Diamonds...

Top ten Online casino Incentives And you will Offers 2024

Top ten Online casino Incentives And you will Offers 2024 BlogsAbsolutely the Finest Local casino SoftwareBaccarat Playing LegislationLegit Online casinos For people ProfessionalsType of Slot...

Free A real income Casino No deposit Incentive Gambling on line Gambling establishment Incentives November 2024

PostsEl Royale Local casinoCome across Sloto Celebrities Casino's 75 Free Spins No-deposit IncentiveBetter Online casino Added bonus Offers within the 2024Greatest Playing Web sites...

Unlock: $75 no deposit added bonus from the Nuts Las vegas Casino

BlogsKing’s Methodology: How we Remark No-deposit CasinosBest Gambling enterprises Offering NetEnt Games:Nuts Tokyo Local casino No-deposit Incentive In addition to, remember that any of these...

स्मार्ट मीटर योजना: ऊर्जा बचत के दूत बन रहे हैं UP MLA

लखनऊ। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी RDSS (रीवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) ने एक बार फिर अपने उद्देश्य को सार्थक किया है। आम जनता के मन...

EVM से फर्जी वोट डाले जाते है! BSP देश में अब कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी- मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा पहले देश में बैलेट पेपर के जरिए चुनाव जीतने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करके फर्जी वोट डाले जाते...

Sambhal Jama Masjid Survey- संभल शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान पथराव,हंगामा उपद्रवियों को हिरासत में लिया

Jama Masjid Survey Live: एसपी ने कहा कि उपद्रवियों ने मस्जिक के बाहर उपनिरिक्षकों की गाड़ियों में आग लगाई थी. साथ ही पथराव किया...

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
137,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

Casino Salary

Gta Online Diamond Casino Heist Payout: Utmost Take, And Participant Splits ExplainedContentHow To Acquire A Job As Being A Casino HostFinal ThoughtsGta Online Diamonds...

Top ten Online casino Incentives And you will Offers 2024

Top ten Online casino Incentives And you will Offers 2024 BlogsAbsolutely the Finest Local casino SoftwareBaccarat Playing LegislationLegit Online casinos For people ProfessionalsType of Slot...

Free A real income Casino No deposit Incentive Gambling on line Gambling establishment Incentives November 2024

PostsEl Royale Local casinoCome across Sloto Celebrities Casino's 75 Free Spins No-deposit IncentiveBetter Online casino Added bonus Offers within the 2024Greatest Playing Web sites...

Unlock: $75 no deposit added bonus from the Nuts Las vegas Casino

BlogsKing’s Methodology: How we Remark No-deposit CasinosBest Gambling enterprises Offering NetEnt Games:Nuts Tokyo Local casino No-deposit Incentive In addition to, remember that any of these...

स्मार्ट मीटर योजना: ऊर्जा बचत के दूत बन रहे हैं UP MLA

लखनऊ। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी RDSS (रीवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) ने एक बार फिर अपने उद्देश्य को सार्थक किया है। आम जनता के मन...